बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारत दौरा रद्द किया, गुवाहाटी में सुरक्षा की मांग


foreign minister of bangladesh cancelled his tour to india

 

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन और गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने भारतीय संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने से उत्पन्न स्थितियों के चलते अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है.

इस बीच बांग्लादेश ने भारत से उसके गुवाहाटी स्थित मिशन की सुरक्षा के लिए कहा. असम में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए यह अनुरोध किया गया है. भीड़ ने मिशन के पास दो साइनपोस्ट को क्षतिग्रस्त कर दिया है.

मोमेन ने 12 दिसंबर से शुरू होने वाली अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा दिल्ली पहुंचने के निर्धारित समय से चंद घंटे पहले अचानक रद्द कर दी. उन्हें आज बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शिलांग पहुंचना था.

इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियां ”असत्य” हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोमेन ने कार्यक्रम संबंधी मुद्दों की वजह से 12 से 14 दिसंबर तक चलने वाली अपनी भारत यात्रा रद्द करने की सूचना दी है. इसने यह भी कहा कि शाह ने बांग्लादेश में सैन्य शासन के दौरान धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होने की बात कही थी, न कि वर्तमान सरकार के तहत.

राजनयिक सूत्रों ने कहा कि मोमेन ने भारतीय संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद उत्पन्न स्थितियों के चलते यात्रा न करने का फैसला किया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ”बांग्लादेश की तरफ से सूचना दी गई है कि मंत्री ने बांग्लादेश में 16 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ कार्यक्रम से जुड़े घरेलू मुद्दों के चलते अपने कार्यक्रम में बदलाव किया है.”

उन्होंने कहा, ”ऐसी कोई भी अटकल निराधार है जिसमें यह कहा जाए कि यह घटनाक्रम संसद द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने से जुड़ा है.”

कुमार ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध ”स्वर्णिम दौर” से गुजर रहे हैं.

उधर, ढाका में जारी एक बयान में मोमेन ने कहा कि उन्हें अपनी व्यस्तताओं के चलते भारत की यात्रा रद्द करनी पड़ी और वह जनवरी में भारत यात्रा को लेकर आशान्वित हैं.

मोमेन ने इससे पहले ढाका में कहा था कि नागरिकता विधेयक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में भारत के ऐतिहासिक चरित्र को कमजोर कर सकता है. उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया था कि उनके देश में अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है.

उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न संबंधी शाह की टिप्पणियों को ”असत्य” करार दिया था.

मोमेन ने उल्लेख किया कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं और यह द्विपक्षीय संबंधों का ”स्वर्णिम अध्याय” है.

बांग्लादेश के विदेश मंत्री को दिल्ली में 11वीं दिल्ली वार्ता और छठी हिन्द महासागर वार्ता के संयुक्त सत्र को संबोधित करना था और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करनी थी.

माना जाता है कि बांग्लादेश लगभग चार महीने पहले असम की राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लेकर भी नाराज था. हालांकि, भारत ने इससे कहा था कि यह देश का आंतरिक मामला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ न्यूयॉर्क में सितंबर में मुलाकात के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी एनआरसी का मुद्दा उठाया था.


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