पूर्व सीआईसी ने सीबीआई में पारदर्शिता पर उठाए सवाल
पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) श्रीधर आचार्युलु ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उन सभी दस्तावेजों और रिपोर्ट का खुलासा करने का अनुरोध किया जो आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाने का कारण बनीं.
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में पूर्व सीआईसी श्रीधर आचार्युलु ने सीबीआई और सीआईसी नियुक्तियों में पारदर्शिता की मजबूती से वकालत की.
उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शिता की शुरुआत सीआईसी नियुक्ति से होनी चाहिए और सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति, पद से हटाने और सीआईसी के लिए आयुक्तों के चयन जैसे मुद्दों से निपटने में प्रधानमंत्री नीत शीर्ष स्तरीय समितियों और सीबीआई और सीआईसी जैसे सभी संस्थानों के संचालन के सभी कामों में सुनिश्चित किया जाना चाहिए.’’
आचार्युलु ने कोविंद का पिछले साल केन्द्रीय सूचना आयोग के सालाना सम्मेलन में दिया गया भाषण याद किया, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि लोकतंत्र में ज्यादा सूचना जैसी कोई चीज नहीं होती है.
उन्होंने कहा कि सीबीआई और सीआईसी नियुक्तियों के संबंध में सूचनाओं की गंभीर कमी है.
सीबीआई प्रमुख के पद से वर्मा को हटाने के संबंध में आचार्युलु ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट जैसी पूरी जानकारी या कोई अन्य दस्तावेज जिसके आधार पर फैसला किया गया, उसका खुलासा होना चाहिए.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इन दस्तावेजों के खुलासे की मांग की है. खड़गे खंडित फैसले में निर्णय करने वाली उच्चस्तरीय समिति में शामिल थे.