जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का निधन


former president of robert mugabe zimbabwe passes away at the age of 95

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जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का आज निधन हो गया. 95 वर्षीय मुगाबे ने सिंगापोर स्थित एक अस्पताल में आखिरी सांसे लीं.

जिम्बाब्वे के मौजूदा राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने उनकी मौत की खबर देते हुए ट्वीट में कहा, “बेहद दुख के साथ मैं ये सूचित करता हूं कि जिम्बाब्वे के जनक और पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे नहीं रहे.”

साथ ही लिखा कि “मुगाबे स्वतंत्रता के प्रतिक थे, वो एक ऐसे अफ्रीकी नेता थे जिन्होंने अपने लोगों की स्वतंत्रता और सशक्तिकरण में अपना जीवन बीता दिया. इस देश और महाद्वीप के इतिहास में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. उनकी आत्मा को शांति मिले.”

37 साल के लंबे शासनकाल के बाद, 21 नवम्बर 2017 में हुए तख़्ता पलट की वजह से मुगाबे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय देश के उपराष्ट्रपति रहे एमर्सन मनांगाग्वा को पद से बर्खास्त करने और पद पर अपनी पत्नी ग्रेस के लिए रास्ता बनाने की कोशिशों के बीच ये घटनाक्रम सामने आया था.

70 के दशक में जिम्बाब्वे को आजादी दिलाने के आंदोलनों से मुगाबे के राजनीतिक सफर की शुरुआत होती है. उस समय वो ‘रोडेशिया’ के नाम से भी जाने जाते थे. साथ ही उनकी तुलना दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति और रंगभेद के खिलाफ संघर्ष छेड़ने वाले नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला से भी होती रही.

एक विद्रोही गोरिल्ला नेता के तौर पर उन्होंने श्वेत अल्पमत सरकार से लोहा लिया और वर्षों जेल में राजनीतिक बंदी के रूप में गुजारे.

10 साल जेल में बिताने के बाद उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से शिक्षा, अर्थशास्त्र और कानून में डिग्री हासिल की. 70 के दशक के मध्य में वो मोजाम्बिक आधारित उग्रवादी मुक्ति आंदोलन में मुखर रहे जिम्बाब्वे अफ्रीकी राष्ट्रीय संघ के नेता बने.

उसके बाद से उन्होंने गुप्त रूप से योजना बनाते हुए श्वेत सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ दिया. 1979 में संघर्ष खत्म होते-होते वो देश के नागरिकों और महाद्वीप में लोगों के लिए एक प्रमुख नायक के तौर पर उभरकर सामने आए.

नए-नए स्वतंत्र देश जिम्बाब्वे के पहले चुनाव के 1980 में हुए, जब मुगाबे देश के पहले प्रधानमंत्री चुने गए.


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