कोरोना से भारत के सबसे अधिक प्रभावित लोगों को फ्रांस की वित्तीय सहायता
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस कोविड 19 के प्रकोप के दौरान भारत में सबसे प्रभवित लोगों को वित्तीय सहायता देगा.
फ्रांस के ओर से इस सहायता की बात टेलीफोन पर प्रधानमंत्री मोदी की मैक्रों से हुए बातचीत के दौरान कही गई.
शनिवार को फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने बताया, ‘दोनोंं देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने कोविड 19 से मिलकर लड़ने को लेकर सहमति जताई. राष्ट्रपति मैक्रों ने पुष्टि की कि फ्रांस भारत की सबसे अधिक प्रभवित जनसंख्या के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.’
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया कि इस सहायता प्रोग्राम को लेकर अंतिम जानकारी अप्रैल अंत तक सामने होगी.
लेनिन ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत से ही दोनों देश करीबी से साथ मिलकर संक्रमण से निपटने की दिशा में काम कर रहे थे.
लेनिन ने बताया कि 31 मार्च को दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों काफी लंबे समय तक टेलीफोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने सहयोग के क्षेत्र तय किए, कोरोना की दवाई पर जारी रिसर्च और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए गए उनके कदमों पर चर्चा की.
उन्होंने बताया कि भारत और फ्रांस के विदेश मंत्री निरंतर वैश्विक स्थिति और दोनों देशों में महामारी की मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा करते हैं.
भारत के लिए फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने जानकारी देते हुए या बताया कि भारत आने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने पर भी चर्चा की गई. अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन के बाद से, 2,200 से अधिक यात्री इस प्रकार फ्रांस लौटने में सक्षम हो गए हैं.
भारत द्वारा 50 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पहुंचाने की सूची में भी फ्रांस शामिल है. भारत इन देशों को ये दवाई बिक्री या ग्रांट के माध्यम से दे रहा है.