चीनी कंपनी हुवावेई को सरकार ने 5जी डेमो कार्यक्रम में भाग लेने की इजाजत दी
भारत सरकार ने चीन की दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी हुवावेई को 5जी तकनीक के इस्तेमाल के लिए होने वाले डेमो कार्यक्रम इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आइएमसी) में भाग लेने के लिए इजाजत दे दी है.
यह कार्यक्रम 14 से 16 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाला है.
हालांकि, भारत ने अभी तक कंपनी के 5जी परीक्षण में भाग लेने पर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया है.
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5जी डेमो के जरिए कंपनियों को अपनी तकनीकी खूबियों को ज्यादा असरदार तरीके से दिखाने का मौका मिलेगा.
कार्यक्रम में हुवावेई एयरटेल और वोडाफोन के साथ मिलकर अपना प्रदर्शन करेगी. एयरटेल और वोडाफोन टेलिकॉम कंपनियों के साथ हुवावेई के गहरे संबंध हैं.
एक आधिकारिक सूत्र ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “कंपनी को इजाजत मिल गई है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि डेमो से हमें 5जी की तकनीकी दुनिया में जाने का फायदा मिलेगा.”
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हुवावेई का 5जी डेमो कार्यक्रम में भाग लेने को शक के नजरिए से देखा जा रहा है. सरकार ने कंपनी को 5जी परीक्षण कार्यक्रम में सीधे तौर पर भागीदारी लेने के लिए हामी नहीं भरी है.
सूत्रों के मुताबिक, “सरकार की ओर से मिली इस इजाजत को परीक्षण से जोड़ना गलत होगा. वो एक अलग मसला है जिसे अलग देखा जाएगा. फिलहाल परीक्षण को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.”
आइएमसी के लिए इजाजत मिलने पर कंपनी ने खुशी जताते हुए कहा है, “हम भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने हुवावेई पर भरोसा जताया है. हमारा मानना है कि यह इस उद्योग की उम्मीद है कि सभी इस कार्यक्रम में भाग लें और अपनी नई तकनीक का प्रदर्शन करें. आइएमसी को भी इसी मकसद से बनाया गया है. हम सभी के साथ मिलकर अपनी बेहतरीन तकनीक का प्रदर्शन करेंगे जिससे आइएमसी को कामयाब बनाया जा सके.”
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माना जा रहा है सरकार ने सभी दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनियों जिसमें नोकिया और एरिक्सन भी शामिल है, से कहा है कि सभी को एकदूसरे के साथ 5जी स्पेक्ट्रम साझा करना चहिए.
सरकार ने कहा है कि साझाकरण का संचालन उद्योग की निकाई सीओएआइ करेगी और यह काम बिना किसी भेदभाव के होना चाहिए.