CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई में लम्बे समय से चल रहे विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.
कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को पद पर बहाल करते हुए केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है. हालांकि कोर्ट ने कहा है कि वह अब भी कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं.
कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट (डीएसपीई) के तहत गठित उच्च स्तरीय समिति एक हफ्ते के भीतर इस मामले पर नए सिरे से विचार करेगी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस एस. के. कौल और के. एम. जोसेफ की पीठ द्वारा दिए गए इस फैसले के मुताबिक, आलोक वर्मा को अवकाश पर भेजने का केन्द्र सरकार का फैसला गलत था.
कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें निदेशक पद से प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वाली उच्च स्तरीय समिति की मंजूरी लिए बिना नहीं हटाया जाना चाहिए था. डीएसपीई एक्ट के तहत, न तो सरकार और न ही सीवीसी को यह अधिकार है कि वह निदेशक को उसके पद से हटा सके.
इससे पहले आलोक वर्मा ने केन्द्र सरकार द्वारा स्वयं को अवकाश पर भेजने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
बता दें कि सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग सार्वजनिक हो गई थी. इसके बाद सरकार ने दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेज दिया था. दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
वर्मा ने अपनी याचिका में सतर्कता आयोग (सीवीसी) के एक और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के दो सहित 23 अक्टूबर 2018 के कुल तीन आदेशों को निरस्त करने की मांग की थी. उनका आरोप था कि ये आदेश क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर दिए गए हैं. उन्होंने इन्हें संविधान के अनुच्छेदों 14, 19 और 21 का उल्लंघन भी बताया था.
इसके बाद केंद्र सरकार ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अस्थाई कार्यभार सौंप दिया था.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीते छह दिसंबर को इस याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
इस दौरान पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की याचिका पर भी सुनवाई की थी. कॉमन कॉज ने न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से राकेश अस्थाना सहित जांच ब्यूरो के तमाम अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का अनुरोध किया था.
वर्मा का सीबीआई निदेशक के रूप में दो साल का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है.