सरकार अनुबंध आधार पर विनिर्माण में 100 फीसदी FDI को दे सकती है मंजूरी


government plans 100% fdi in manufacturing through contract base

 

सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से अनुबंध आधार पर विनिर्माण में 100 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है.

मौजूदा विदेश निवेश नीति के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मार्ग से 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है. विनिर्माता को भारत में विनिर्मित उत्पादों को बिना सरकार की मंजूरी के ई-वाणिज्य समेत थोक और खुदरा माध्यमों से बेचने की भी अनुमति है.

उसने कहा, “मौजूदा नीति में अनुबंध पर विनिर्माण के बारे में कुछ नहीं कहा गया है और इस बारे में चीजें स्पष्ट नहीं है. दुनिया भर में बड़ी प्रौद्योगिकी वाली कंपनियां अनुबंध आधार पर विनिर्माण को पसंद कर रही हैं. इसीलिए इस मामले में स्पष्टीकरण की जरूरत है और सरकार इस पर सकारात्मक रूप से विचार कर रही है.”

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एक प्रस्ताव पर काम कर रहा है जिसे जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा और मंजूरी के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से जुलाई में अपने बजट भाषण में विमानन, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कामिक्स), बीमा और एकल खुदरा ब्रांड जैसे क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया था.

भारत में एफडीआई 2018-19 में एक फीसदी घटकर 44.36 अरब डालर रहा.

पिछले साल सरकार ने एकल खुदरा ब्रांड, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां तथा निर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिये एफडीआई नियमों में ढील दी थी.

देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये बंदरगाह, हवाईअड्डा और राजमार्ग जैसे बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिये अरबों डालर की जरूरत है. इस लिहाज से विदेशी निवेश काफी महत्वपूर्ण है.


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