दिल्ली: अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी रहा जारी


guest teacher's protest front of manish sisodiya house

  ट्विटर

दिल्ली सरकार की देखरेख में संचालित स्कूलों के अतिथि शिक्षकों ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन किया. इन शिक्षकों का अनुबंध 28 फरवरी को समाप्त हो चुका है. शिक्षक खुद को नियमित करने की मांग कर रहे हैं.

बीती 28 फरवरी को अनुबंध समाप्त होने के बाद करीब 25 हजार शिक्षक अनिश्चितता से घिर गए हैं. उन्हें अपने भविष्य के बारे में कुछ खबर नहीं है. उन्हें सेवा विस्तार दिया जाएगा या अनुबंध किया जाएगा अभी कुछ भी साफ नहीं है.

ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य शोएब राणा ने बताया कि प्रदर्शन में पांच हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जायेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

दिल्ली सरकार ने अक्टूबर 2017 में करीब 15 हजार अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का विधेयक पारित किया था.

इसी बीच, सिसोदिया ने शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया और उप राज्यपाल अनिल बैजल से विधेयक को मंजूरी प्रदान करने की अपील की.

सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘मैं अतिथि शिक्षकों की समर्थन करता हूं. दिल्ली विधानसभा ने सभी अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का विधेयक पारित किया. राज्यपाल से अनुरोध है विधेयक को मंजूरी प्रदान करें. दिल्ली सरकार को अपने स्कूलों में इन शिक्षकों की जरूरत है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले युवाओं और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ ना करें.’’

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘वैसे दिल्ली की गवर्नेंस (प्रशासन) अद्भुत है. स्कूलों में अध्यापकों की स्थाई नियुक्ति के लिए भी उप राज्यपाल की मंजूरी जरूरी है और शिक्षा मंत्री (जो उप मुख्यमंत्री भी हैं) सिर्फ विधेयक पास करने का अनुरोध ही कर सकते हैं.”


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