गुजरात : फर्जी मुठभेड़ में नौ पुलिस अधिकारियों पर चलेगा मुकदमा


Gujarat: Recommendation of prosecution against police in three cases of fake encounter

 

गुजरात में साल 2002 से 2006 के बीच कथित फर्जी मुठभेड़ के कई मामलों की जांच करने वाली जस्टिस एचएस बेदी समिति ने 17 मामलों में से तीन में पुलिस अधिकारियों पर अभियोग चलाने की सिफारिश की है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर अंतिम रिपोर्ट में जस्टिस बेदी ने कहा है कि गुजरात पुलिस के अधिकारियों की ओर से की गई फर्जी मुठभेड़ में समीर खान, कासम जफर और हाजी इस्माइल मारे गए.

समिति ने कुल नौ पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया है. इनमें तीन पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी हैं.

हालांकि इस मामले में समिति को नरेन्द्र मोदी और किसी उच्च अधिकारी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है.

अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बेदी को गुजरात में 2002 से 2006 के बीच मुठभेड़ के 17 मामलों की जांच करने वाली निगरानी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था. समिति ने पिछले वर्ष फरवरी में शीर्ष अदालत में लिफाफाबंद रिपोर्ट सौंपी थी. 229 पेज की रिपोर्ट को एक साल तक गोपनीय रखा गया.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने नौ जनवरी को गुजरात सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें उसने समिति की अंतिम रिपोर्ट पर गोपनीयता बनाए रखने की मांग की थी. पीठ ने आदेश दिया कि इसे याचिकाकर्ताओं को मुहैया कराया जाए. याचिकाकर्ताओं में कवि और गीतकार जावेद अख्तर भी शामिल हैं.

जस्टिस बेदी ने पीड़ित परिवार को 10 से 14 लाख की सहायता देने की भी सिफारिश की है.


Big News