अमेरिकी संसद ने ट्रंप के ‘नस्लीय बयान’ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया


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अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने चार प्रोग्रेसिव डेमोक्रेट महिला सांसदों के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘नस्लीय बयान’ की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया है. निंदा प्रस्ताव को सभी 235 डेमोक्रेट समेत चार रिपब्लिकन रिप्रेजेंटेटिव का समर्थन मिला.

प्रस्ताव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नस्लीय टिप्पणियों की कड़ी निंदा की गई है, जिसमें कहा गया कि इस टिप्पणी ने नए अमेरिकियों और अश्वेत लोगों के प्रति डर और नफरत को बढ़ाया है.

इस दौरान सदन में रिपब्लिकन पार्टी ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैन्सी पेलोसी द्वारा ट्रंप पर की गई टिप्पणी का भी मुद्दा उठाया. ग्रेंड ओल्ड पार्टी ने सवाल खड़े किए कि क्या उनका सभा में अध्यक्ष के रूप में बने रहना सही है.

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हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में है. रिपब्लिकन रिप्रेजेंटेटिव विल हर्ड, फ्रेंड उपटोन, सुसान ब्रूक्स, ब्रेन फीट पैट्रिक ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति के नस्लवादी बयान की घोर निंदा की.

हर्ड ने एक ट्वीट में बयान की निंदा करते हुए कहा, “अमेरिका में नस्लवाद, लिंगभेद, विदेशियों से द्वेष के लिए कोई जगह नहीं है. मैं राष्ट्रपति के बयान की निंदा करता हूं पर मुझे उम्मीद है कि स्पीकर पेलोसी राष्ट्रपति की ही तरह अपनी पार्टी के सदस्यों को भी उसी तरह जिम्मेदार ठहराएंगी.”

इससे पहले भी ट्वीट के जरिए ट्रंप के बयान की निंदा कर चुकीं पेलोसी ने हाउस में प्रस्ताव पेश करते हुए ट्रंप के बयान को नस्लवादी बताया.

प्रस्ताव पर मत के बाद डी टेक्स्स से रिप्रेजेंटेटिव अल ग्रीन ने हाउस में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाने की मांग की. हालांकि प्रस्ताव को डेमोक्रेटिक नेताओं का समर्थन नहीं मिला.

ग्रीन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, “आप क्या करेंगे अगर एक स्वतंत्र दुनिया का नेता नस्लवादी हो? क्या करेंगे आप? आप उसे दोषी ठहराते हुए उसके खिलाफ महाभियोग लाएंगे.”

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पेश प्रस्ताव का मूल यहां लिंक पर पढ़ा जा सकता है.

इस प्रस्ताव को मंगलवार को सदन में नहीं लिया गया.

इससे पहले ट्रंप ने प्रोग्रेसिव डेमोक्रेट महिला सांसदों को ‘अपराध ग्रस्त’ जगहों पर वापस लौटकर समस्याओं का समाधान करने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि वे महिला सदस्य जिन देशों से आई हैं, वहां की हालत बहुत बुरी है, अमेरिका को सलाह देने से पहले वे वहां जाएं और चीजें बेहतर करके दिखाएं.


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