बकाया पैसों के लिए गन्ना किसानों का हल्लाबोल


modi's plan to double farmers income to be scrutinised by other World Trade Organization members

 

गन्ना किसानों की नाराजगी सरकार को लेकर बढ़ती जा रही है. किसान बकाया राशि के जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रहे है. आंकड़ों के हिसाब से 31 दिसंबर 2018 तक गन्ना किसानों का चीनी मिल पर 19,000 करोड़ बकाया है. यह पिछले सीजन के मुकाबले दोगुना हो चुका है.

बकाया राशि के भुगतान के लिए ही हांड़ कंपा देने वाली ठंड में उत्तर प्रदेश के शामली में गन्ना किसान पांच दिन से धरना पर बैठे हैं. किसानों का यह जमावड़ा शामली कलेक्ट्रेट के बाहर चल रहा है.

किसानों का कहना है कि सरकार ने 14 दिन के अंदर भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन अब तक एक पैसा नहीं मिला है. सरकार के नियमों के मुताबिक भी गन्ना किसानों को उनकी बकाया राशि 14 दिन के अंदर भुगतान करनी होती है.

आंकड़ों के मुताबिक राज्य भर में गन्ना किसानों 7,000 करोड़ रूपया बकाया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में इन किसानों का 1,343 करोड़ बकाया है. इसमें से 80 करोड़ सिर्फ शामली के किसानों का बकाया है.

इससे पहले गांधी जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े यूनियन भारतीय किसान यूनियन के बैनर के साथ गन्ना किसानों ने मार्च किया था. इनकी मांग थी कि चीनी मिल उनके बकाया राशि का भुगतान करें.

पिछले साल देश भर के किसानों ने कर्ज माफी, मुफ्त बिजली, और स्वामीनाथन कमेटी को लागू करवाने के लिए दिल्ली की सड़कों पर मार्च किया था.


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