आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर दोषी: जांच कमिटी
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर को वीडियोकॉन लोन मामले की शुरुआती जांच में फर्जीवाड़ा का दोषी पाया गया है. मामले की स्वतंत्र जांच के लिए गठित कमिटी ने अपनी जांच में पाया है कि चंदा कोचर ने निर्धारित आचार संहिता का उल्लंघन किया है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में कमिटी का गठन किया था.
समिति ने आईसीआईसीआई बैंक को रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके आधार पर चंदा कोचर पर कार्रवाई की जाएगी. रिपोर्ट आने के बाद बैंक की ओर से कहा गया है कि अप्रैल 2009 से मार्च 2018 के बीच उन्हें दी गई बोनस की वसूली की जाएगी. चंदा कोचर पर आरोप लगने के बाद से उन्हें नौकरी से निकाला हुआ माना गया है.
आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था. लोन देने की प्रक्रिया में चंदा कोचर पर हितों के टकराव का मामला सामने आया था. सीबीआई इस मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है.
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24 जनवरी को सीबीआई ने 3,250 करोड़ रुपये के आईसीआईसीआई बैंक- वीडियोकॉन कर्ज मामले में अनियमितताओं के आरोप में चंदा कोचर पर एफआईआर दर्ज किया था. एफआईआर में चंदा कोचर के अलावा उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल के नाम भी शामिल हैं.
सीबीआई ने वीडियोकॉन के मुंबई स्थित मुख्यालय और औरंगाबाद कार्यालय पर छापा भी मारा था. आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर और सुप्रीम एनर्जी के ठिकानों पर भी छापे मारे गए थे.
आरोप है कि साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपये का कर्ज मिला था. इसके कुछ महीनों बाद ही वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर में करोड़ों रुपये निवेश किया था.
साल 2008 में वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर ने एक कंपनी बनाई थी. इसके बाद इस कंपनी को वेणुगोपाल धूत ने अपनी कंपनी की तरफ से 64 करोड़ का कर्ज दिया था. बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक एक ट्रस्ट को सौंप दिया गया. दीपक कोचर इस ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी थे.
वेणुगोपाल धूत ने यह सब वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 3,250 करोड़ रुपये मिलने के बाद किया था. वीडियोकॉन ने इस कर्ज का 86 फीसदी रुपया जमा नहीं किया है. साल 2017 में वीडियोकॉन के अकाउंट को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया था.
वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज मिलने के वक्त चंदा कोचर बैंक की चेयरमैन थी. चंदा कोचर के खिलाफ अक्तूबर 2016 में अरविंद गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी.
सीबीआई ने धूत, दीपक कोचर और अज्ञात अन्य के खिलाफ मार्च 2018 में एक प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी.
सीबीआई प्राथमिकी दर्ज करने से पहले पीई दर्ज करती है. ताकि वह सबूत इकट्ठा कर सके. एजेंसी ने इस पीई को एफआईआर में बदल दिया है.