बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील खान आरोपमुक्त


i should be reinstated gracefully says kafeel khan

  ANI

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो साल पहले हुई 60 बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील खान को आरोपमुक्त कर दिया गया है. डॉ खान को विभागीय जांच में बेगुनाह पाया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक डॉ खान को चिकित्सा लापरवाही, भ्रष्टाचार और ड्यूटी नहीं निभाने के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है.

गुरुवार को बीआरडी अधिकारियों ने रिपोर्ट की एक कॉपी डॉ कफील को सौंपी है. हालांकि डॉ कफील ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उन्हें पांच महीने तक दोषमुक्त होने की जानकारी नहीं दी.

डॉ कफील ने इन आरोपों के लिए 9 महीने जेल में बिताए थे. जमानत पर बाहर आने के बावजूद डॉ कफील लगातार निलंबित रहे. अब करीब दो साल बाद वह इन आरोपों से मुक्त हुए हैं.

जांच अधिकारी और प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार ने 18 अप्रैल, 2019 को रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग में सौंपी थी.

15 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया कि कफील को चिकित्सा लापरवाही का दोषी नहीं पाया गया है और 11 अगस्त, 2017 की रात (जब अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी) को उन्होंने अपने स्तर पर सभी जरूरी कदम उठाने की कोशिश की थी.

हालांकि रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि कफील अगस्त 2016 तक प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर रहे थे.

जांच में पाया गया कि “कफील खान बीआरडी में इन्सेफेलाइटिस वार्ड के नोडल मेडिकल अधिकारी नहीं थे. इस संबंध में विभाग की ओर से दिए गए दस्तावेज अपर्याप्त और असंगत हैं.” जांच में सामने आया कि ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टेंडर निकालने की जिम्मेदारी भी उनकी नहीं थी.

रिपोर्ट में लिखा है कि कफील ने अपने वरिष्ठों को ऑक्सीजन की कमी के बारे में जानकारी दी थी. जांच अधिकारी को उन्होंने अपने कॉल डिटेल भी दिए, जो दिखाता है कि घटना की रात उन्होंने अपने बल पर सात ऑक्सीजन सिलेंडर जुटाए.

कफील की जमानत पर 25 अप्रैल, 2018 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि “ऐसे दस्तावेज नहीं मिले है जो ये साबित करें कि कफील के स्तर पर चिकित्सा लापरवाही हुई.”

डॉ कफील ने कहा, “सरकार अब तक मुजरिमों को नहीं पकड़ पाई है और मुझे इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया. दोषमुक्त होने की जानकारी मुझे इतने महीने बाद दी गई. अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्राइवेट प्रैक्टिस पर मुझे मेरा पक्ष रखने के लिए बुलाया है, जो इस मामले से जुड़ा भी नहीं हुआ है.”

डॉ कफील ने कहा, “सरकार को माफी मांगनी चाहिए. पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए और घटना की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए.”


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