जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका खत्म: कोर्ट
दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने जेएनयू मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार से मंजूरी लेने के संबंध में दिल्ली पुलिस की भूमिका अब खत्म हो गई है. कोर्ट ने कहा है कि अब वो केस के बारे में दिल्ली सरकार से बात करेगी.
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने यह बात तब कही जब पुलिस ने बताया कि मंजूरी देना एक प्रशासनिक कार्रवाई थी और उसके बिना भी आरोपपत्र दायर किया जा सकता है.
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने मंजूरी मांगते हुए पहले ही दिल्ली सरकार को एक अनुरोध पत्र भेजा है.
कोर्ट ने कल सुनवाई के दौरान मामले में रिपोर्ट दाखिल करने वाले डीसीपी के कोर्ट में पेश नहीं होने के कारण दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी.
दिल्ली पुलिस ने पहले कोर्ट को बताया था कि अधिकारियों ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित दस पर इस मामले में अभियोग चलाने की आवश्यक मंजूरी अभी नहीं दी है और मंजूरी लेने में दो से तीन महीने का समय लगेगा.
दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कथित देशद्रोह मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार समेत दस के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है.