चीन और भारत के द्विपक्षीय व्यापार में 3.59 फीसदी की गिरावट


India's export continue to shrink for continuous fifth month

 

भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में इस साल के पहले पांच महीनों के दौरान 3.59 फीसदी की गिरावट आई है. ये करीब 3687 करोड़ डॉलर के बराबर है. इससे 2019 में इस व्यापार का 10,000 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीदों को जोरदार धक्का लगा है.

जबकि बीते साल दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार 9,500 करोड़ के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया था. इसी के बाद से उम्मीदें जताई जा रहीं थी कि इस साल के अंत तक ये दस हजार का आंकड़ा छू लेगा.

उधर इस द्विपक्षीय व्यापार में भारत का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2017 में ये घाटा 5172 करोड़ डॉलर था, जो कि 2018 में बढ़कर 5786 करोड़ डॉलर हो गया.

इस साल चीन को भारत का निर्यात 1.62 फीसदी गिरकर 770 करोड़ डॉलर पर आ गया. वहीं चीन का भारत को निर्यात 4.10 फीसदी गिरकर 2,917 करोड़ डॉलर रहा.

द्विपक्षीय व्यापार में मई के महीने में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई. जब ये 5.04 फीसदी गिरा. इस दौरान भारत का निर्यात 152 करोड़ डॉलर रहा. जबकि चीन का भारत को निर्यात 666 करोड़ डॉलर रहा.

पिछले साल जब दोनों देशों के बीच व्यापार 9,500 करोड़ डॉलर जा पहुंचा था तब जानकारों ने इसके 10,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद जताई थी. लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. ये तभी संभव है जबकि साल के अंत तक ये व्यापार जोर पकड़े.

भारत आमतौर पर चीन को कॉफी, चाय और मसाले निर्यात करता है. मई 2019 के दौरान निर्यात में इनकी भागीदारी 46.97 फीसदी है. जिसमें मसालों की भागीदारी सबसे अधिक है.

जबकि चीन भारत को अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात करता है. मई 2019 में हुए कुल चीनी आयात में इनकी हिस्सेदारी 26.12 फीसदी रही. इसके अलावा बिजली का समान, |ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक और उर्वरकों का भी चीन से आयात होता है.

बीते चार महीनों में चीन से आयातित बिजली के सामान में सबसे ज्यादा 20 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है.

इन सबके बीच चीन से होने वाले उर्वरकों के आयात में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है. जनवरी से मई के बीच में इसमें 233.17 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. इस दौरान ये 51.239 करोड़ डॉलर पहुंच गया. फिलहाल चीनी उर्वरकों के लिए भारत अभी सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है.

इसी तरह भारत चीन के सूती बाजार में 18.19 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है, जो कि दूसरा स्थान है. हीरे के कारोबार में भी भारत चीन के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. इस मामले में सबसे ऊपर दक्षिण अफ्रीका है.


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