बीते साल के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन में भारी गिरावट


Industrial growth rate decreases in April

 

औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर जनवरी, 2018 के मुकाबले काफी धीमी रह गई है. इस साल जनवरी तक में यह 1.7 फीसदी दर्ज की गई है. एक साल पहले यानी जनवरी, 2018 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही थी.

विनिर्माण क्षेत्र, विशेषरूप से पूंजीगत सामान और उपभोक्ता सामान क्षेत्र के सुस्त प्रदर्शन की वजह से आईआईपी की वृद्धि दर कम हुई है.

आईआईपी आंकड़े केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी किए गए हैं. चार अप्रैल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा भी आने वाली है. माना जा रहा है कि इससे रिजर्व बैंक पर ब्याज दर में कटौती का दबाव बढ़ेगा.

एक साल पहले यानी जनवरी, 2018 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 7.5 फीसदी रही थी. इस बीच, सीएसओ ने दिसंबर, 2018 के आईआईपी आंकड़ों को ऊपर की ओर संशोधित कर 2.6 फीसदी कर दिया है. पहले इसके 2.4 फीसदी रहने का अनुमान था.

सीएसओ के जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.3 फीसदी रह गई. जनवरी, 2018 में यह 8.7 फीसदी पर थी. इसी तरह बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर 0.8 फीसदी रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 7.6 फीसदी थी.

हालांकि, खनन क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा. जनवरी में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़कर 3.9 फीसदी हो गई. एक साल पहले इसी महीने में 0.3 फीसदी थी.

आंकड़ों के अनुसार पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन जनवरी महीने में घट गया. इस क्षेत्र को नए निवेश का संकेत माना जाता है. इसी तरह मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन में भी गिरावट आई.

आंकड़ों के अनुसार जनवरी में टिकाऊ उपभोक्ता सामान और गैर टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि भी कम रही.

सीएसओ के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जनवरी अवधि में औद्योगिक उत्पादन की औसत वृद्धि दर 4.4 फीसदी रही है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में औसतन 4.1 फीसदी रही थी.


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