जेएनयू प्रोफेसर पर कानूनी कार्रवाई की मांग


JNU prof says Mufti ordered removal of barriers that led to Pulwama attack

 

जेएनयू प्रोफेसर की ओर से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर की गई टिप्पणी का मामला अब शांत होता नहीं दिख रहा है. पीडीपी ने दिल्ली पुलिस से प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

मुफ्ती ने जेएनयू प्रोफेसर की ओर से की गई टिप्पणी को ‘द्वेषपूर्ण और अज्ञान’ करार दिया है.

पुलवामा आतंकी हमले में प्रोफेसर ने मुफ्ती पर आरोप लगाए है कि “जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर वाहनों की जांच के काम में ढिलाई पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती की वजह से की गई थी.”

इस राजमार्ग पर 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायिन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.

लॉ, गवर्नेंस और आपदा अध्ययन की एक प्रोफेसर अमिता सिंह ने पीडीपी प्रमुख से कहा था कि अगर वह वाकई आतंकवादी घटना से दुखी हैं तो ‘सार्वजनिक तौर पर जान से मारने के लिए 40 लोग’ उपलब्ध कराएं.

सिंह ने ट्वीट किया था कि आरडीएक्स से भरे वाहन की जांच इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि 3 चेक बैरियर जांच को महबूबा मुफ्ती ने हटा दिया था. उन्होंने कहा कि अगर मुफ्ती इस घटना से वास्तव में दुखी हैं तो सार्वजनिक तौर पर जान से मारने के लिए वह 40 लोग सौंपे.

इस ट्वीट पर पीडीपी ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए प्रोफेसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि पार्टी जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी.


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