जॉनसन को करना पड़ सकता है संसद की अवमानना का सामना: लेबर पार्टी


Johnson's decision to suspend Parliament by UK court is illegal : court

 

यूरोपीय संघ से बाहर (ब्रेग्जिट) होने की 31 अक्टूबर की समयसीमा को तीन महीने बढ़ाने की मांग करने वाले पत्र को भेजे जाने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को विपक्ष ने ‘जिद्दी बच्चा’ कहा है.

विपक्षी लेबर पार्टी ने जॉनसन को चेतावनी दी है कि अपनी इस गतिविधि को लेकर उन्हें संसद और संभवत: अदालत की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री संसद के एक ऐतिहासिक सत्र में इस मुद्दे पर सांसदों के मतदान करने के बाद ब्रेग्जिट में देरी की मांग करने वाले पत्र को जारी करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य थे.

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की संसद में शनिवार को सांसदों ने जॉनसन के ब्रेग्जिट समझौते में देर कराने वाले एक प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए मतदान किया. 306 के मुकाबले 322 सांसदों ने ब्रेग्जिट में देर कराने वाले एक महत्वपूर्ण संशोधन पर मतदान किया.

इसका यह मतलब है कि जॉनसन को सांसदों द्वारा पूर्व में पारित ‘बेन अधिनियम’ के तहत शनिवार आधी रात तक यूरोपीय संघ को पत्र लिखकर 31 अक्टूबर को खत्म हो रही ब्रेग्जिट की समयसीमा बढ़ाने की मांग करनी होगी.

लेबर पार्टी ने कहा, ‘उन्हें संसद की या अदालत की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वह स्पष्ट रूप से प्रथम पत्र को महत्वहीन कर रहे हैं और उस पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.’

पार्टी ने कहा, ”वह एक जिद्दी बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं. संसद ने एक फैसला लिया है, उन्हें इसका पालन करना चाहिए और प्रथम पत्र के विरोधाभास में दूसरा पत्र भेजे जाने के बारे में मेरा मानना है कि यह संसद और अदालत के फैसलों के खिलाफ है.’

शनिवार रात यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनल्ड टस्क को भेजे अस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, ‘ब्रिटेन यह प्रस्ताव करता है कि यह (विस्तार) अवधि 31 जनवरी 2020 को रात 11 बजे समाप्त हो जाएगी. यदि पार्टियां इस तारीख से पहले संशोधन करने में सक्षम रहीं तो सरकार यह प्रस्ताव करती है कि उस अवधि को उससे पहले समाप्त कर दिया जाए.’

प्रधानमंत्री आवास का यह रुख है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने संसद का पत्र भेजकर बेन एक्ट का पालन किया है.

मूल पत्र के साथ टस्क को भेजे गए एक हस्ताक्षरित पत्र में जॉनसन ने 31 अक्टूबर की समयसीमा के अंदर ईयू से बाहर निकलने का संकल्प दोहराया है.

इस बीच, टस्क ने ट्विटर पर कहा कि ब्रिटेन का (समय) ‘विस्तार’ करने का अनुरोध मिला है और इस पर किस तरह से प्रतिक्रिया की जाए, इस बारे में वह ईयू नेताओं से बात करेंगे.

वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री माइकल गोव और डोमिनिक राब ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि सरकार ईयू से बाहर होने के लिए 31 अक्टूबर की समयसीमा पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

इस बीच, ब्रसेल्स से प्राप्त समाचार एजेंसी एएफपी की एक खबर के मुताबिक ईयू के अधिकारियों ने रविवार को बैठक की.

ईयू के एक राजनयिक ने कहा, ‘ईयू ने सारे विकल्प खुले रखे हैं और इसलिए अनुसमर्थन प्रक्रिया शुरू की है, ताकि इसे सोमवार को यूरोपीय संसद को सौंपा जा सके.’

उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन में इस पर स्पष्टता आने तक ईयू इसी रणनीति को संभवत: जारी रखेगा.’

ईयू वार्ताकार मिशेल बर्नियर ने रविवार की वार्ता के बाद एक सवाल के जवाब में कहा, ‘टस्क अगले कुछ दिनों में मशविरा करेंगे.’

दरअसल, उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि ईयू नेता विलंब की अनुमति देंगे.


Big News