कर्नाटक: विश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले 14 बागी विधायक अयोग्य करार


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कर्नाटक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले स्पीकर केआर रमेश कुमार ने 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया है. इसमें कांग्रेस के 11 और जेडीएस के तीन विधायक शामिल हैं. 25 जुलाई को तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया गया था. इसके बाद कुल अयोग्य विधायकों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है.

17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने के बाद 224 सदस्यीय विधानसभा (विधानसभाध्यक्ष को छोड़कर जिन्हें मत बराबर होने की स्थिति में मतदान का अधिकार है) में प्रभावी संख्या 207 हो गई है. इसके साथ ही जादुई संख्या 104 रहेगी.

इससे पहले 26 जुलाई को कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने घोषणा की थी कि वो 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे. कांग्रेस-जेडी(एस) सरकार गिरने के बाद उन्होंने बहुमत के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

वहीं, राज्य में कई हफ्ते तक चले राजनीतिक ड्रामा और कानूनी लड़ाई के बाद उनका शपथ ग्रहण हुआ था. कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट खड़ा हुआ था जिसके बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी.

केआर रमेश कुमार  ने कहा, ‘‘मैंने अपने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किया…मुझे 100 प्रतिशत आघात लगा है.’’

विधानसभा अध्यक्ष ने इससे पहले बागी तीन विधायकों को अयोग्य ठहराने के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि दलबदल निरोधक कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया कोई भी सदस्य वर्तमान सदन के कार्यकाल की समाप्ति तक चुनाव नहीं लड़ सकता. इस दलील को बीजेपी, बागी विधायकों और कई अन्य विधिक विशेषज्ञों ने चुनौती दी है.

वहीं, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित किए गए जद (एस) के बागी विधायक एएच विश्वनाथ का कहना कि फैसला ‘कानून के विरुद्ध’ है और वह तथा अन्य असंतुष्ट विधायक 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करेंगे.

विश्वनाथ ने पीटीआई से फोन पर कहा, ‘‘अयोग्यता विधि विरुद्ध है…मात्र उन्हें जारी व्हिप के आधार पर आप विधायकों को सदन में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.’’


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