सामान्य वर्ग के लिए लाया गया आर्थिक आरक्षण बिल राज्यसभा में पास


More likely to win rich candidates: ADR

 

सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाला बिल राज्यसभा में पास हो गया है. इसके पास होने से पहले सरकार की तरफ से लाए गए इस संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में काफी विरोध का सामना करना पड़ा.

बिल पर हुए मतदान में इसके समर्थन में 165 और विरोध में 7 मत पड़े. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है.

राज्यसभा में इसे पारित करने के लिए सदन की कार्यवाही को एक दिन के लिए बढ़ाया गया था.

हालांकि कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह राजनीति से प्रेरित कदम है.

विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार जब अपने कार्यकाल के आखिरी चरण (डिपार्चर लाउंज) में है, तब यह कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार चार साल सात महीने बाद यह विधेयक लेकर आई है. यह आखिरी सत्र है और उसके बाद चुनाव होने हैं.

सदन में कांग्रेस के आनंद शर्मा ने चर्चा में भाग लेते हुए सवाल किया कि इस विधेयक को लाने के पीछे जल्दबाजी की वजह क्या है? उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. उन्हें हार के बाद मालूम हुआ कि वे ठीक काम नहीं कर रहे हैं.

कांग्रेस के ही मधुसूदन मिस्त्री ने आरक्षण संबंधी विधेयक को अधूरा बताया है. वहीं, द्रमुक सहित कई दूसरे दलों ने भी इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की.

इस दौरान राजद के मनोज झा ने भी आरक्षण संबंधी विधेयक को पेश किए जाने में प्रक्रिया संबंधी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया. सामान्य वर्ग के आरक्षण का विरोध कर रहे राजद सदस्य ने इस विधेयक को आधी रात की डकैती बताया.


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