वामपंथी नेता क्षिति गोस्वामी का निधन


Left leader Kshiti Goswami dies

 

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के महासचिव और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री क्षिति गोस्वामी का चेन्नई के एक निजी अस्पताल में उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से रविवार सुबह निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

वह 77 साल के थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटी हैं.

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उम्र संबंधी बीमारियों के अलावा गोस्वामी फेफड़े के संक्रमण से पीड़ित थे और उन्हें इसी को लेकर चेन्नई के अस्पताल में भर्ती किया गया था. वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.

उनका पार्थिव शरीर शाम को कोलकाता लाया जाएगा और सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों के नेताओं ने रविवार को गोस्वामी के निधन पर शोक व्यक्त किया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है.

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में बनर्जी ने कहा, ‘मैं क्षिति गोस्वामी के आकस्मिक निधन से बहुत दुखी हूं. उनका आज सुबह चेन्नई में निधन हो गया. यह भारतीय राजनीति के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.’

पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा के अध्यक्ष और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य बिमान बोस ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गोस्वामी की मौत से राज्य के राजनीतिक जगत में शून्य पैदा हो गया है.

चौधरी ने कहा, ‘वह एक ईमानदार नेता थे. उनकी बहुत याद आएगी.

गोस्वामी 80 दशक के उत्तरार्द्ध से लेकर 2011 तक यानी दो दशक तक पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे.

वह 2012 से कुछ वर्षों तक आरएसपी के राज्य सचिव भी रहे.

गोस्वामी को पिछले साल पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव चुना गया था.

साठ के दशक की शुरुआत में राजनीति में कदम रखते हुए, वे आरएसपी की छात्र शाखा ‘अखिल भारतीय प्रगतिशील छात्र संघ’ के राज्य सचिव भी बने थे.

वाम मोर्चा के एक महत्वपूर्ण सदस्य रहे गोस्वामी पार्टी की कुछ नीतियों को लेकर राज्य की तत्कालीन व्यवस्था की आलोचना करने से भी कभी कतराते नहीं थे, चाहे वह सिंगूर में भूमि अधिग्रहण का मामला हो या नंदीग्राम का मामला हो.


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