CAA के खिलाफ भारत बंद : रामचंद्र गुहा सहित कई हिरासत में, जंतर मंतर पर जुटने की अपील


many protesters including sitaram yechury ramachandra guha detained during bharat bandh protest

 

देश भर में एनआरसी और सीएए के खिलाफ वामपंथी पार्टियों के ‘भारत बंद’ और अन्य संगठनों के  प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, स्वराज्य अभियान प्रमुख योगेंद्र यादव, छात्र नेता उमर खालिद, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. हालांकि इनमें कुछ नेताओं को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में छोड़ा गया है.

प्रदर्शन में शामिल मानवाधिकार कर्यकर्ता हर्ष मंदर और वकील प्रशांत भूषण भी पुलिस हिरासत में हैं.

दिल्ली में सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के महासचिव डी राजा सहित अन्य वामदलों के नेताओं को पुलिस ने मंडी हाउस से शहीद पार्क तक शांति मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी और उन्हें एहतियातन हिरासत में लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में छोड़ दिया. सीपीआई नेता डी राजा ने बताया कि पुलिस ने उन्हें करोल बाग में छोड़ा गया.

इस बीच धरना स्थल को मंडी हाउस से बदल कर जंतर मंतर कर दिया गया है. प्रदर्शन में शामिल जेएनयू सहित अन्य संस्थानों के छात्र संगठनों, प्रदर्शनकारियों से जंतर मंतर पर एकत्र होने की अपील की है.

दिल्ली में कुल 18 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं और एयरटेल ने राजधानी के कई इलाकों में कॉल, इंटरनेट सेवाएं रद्द कर दी हैं. वहीं प्रदर्शन को रोकने के लिए लाल किला के आस पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

दर्शनों के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुबह के व्यस्त समय में भीषण जाम लगा वहीं दिल्ली-गुडगांव मार्ग में वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं.

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया,”पुलिस ने अवरोधक लगाए हैं और गुड़गांव से दिल्ली आने वाले वाहनों की जांच की जा रही है जिसके कारण उन मार्गों में यातायात प्रभावित हुआ है.”

बेंगलुरू के मैसूर बैंक सर्किल क्षेत्र से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सफाई दी है कि सीएए से देश के लोगों को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और लोगों से शांति की अपील की है.

एनआरसी और सीएए के खिलाफ देश भर में वामपंथी पार्टियां विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) – मुक्ति, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि इस कानून से भारत की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक बुनियाद बर्बाद हो जाएगी.

दिल्ली के लाल किला इलाके में धारा 144 लागू

दिल्ली में लाल किला क्षेत्र के आसपास लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में मार्च शुरू किया.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में  दो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. एक विरोध प्रदर्शन छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से आयोजित किया गया है जबकि दूसरा प्रदर्शन वामपंथी पार्टियों ने आहूत किया है. दोनों ही मार्च आईटीओ के निकट शाहीन पार्क में मिलेंगे.

स्वराज्य अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा, ”मैं जानता हूं कि हमारे कई साथियों को हिरासत में लिया जा रहा है, इसके बावजूद कई लोग यहां एकत्र हुए.”

उन्होंने कहा कि इस देश में नागरिकता का बंटवारा नहीं किया जा सकता और ”इसीलिए हमने आज विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.”

कांग्रेस नेता संदीप दिक्षित को मंडी हाउस से गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें लाल किला प्रोटेस्ट में शामिल नहीं होने दिया गया.

बिहार में ट्रेनें रोकी

बिहार के पटना में छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ने राजेन्द्र नगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दी है. छात्रों ने एनआरसी और सीएए के खिलाफ नारेबाजी की.

बिहार के दरभंगा में सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ रेल ट्रैक जाम किया.

वामपंथी पार्टियों और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों के भारत बंद के एलान के मद्देनजर पूरे कर्नाटक में धारा 144 लगा दी गई है. प्रदेश भर में छह बजे सुबह से अगले तीन दिनों तक लोगों के जुटने पर रोक जारी रहेगी. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी धारा 144 लगा दी गई है. 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में कानून व्यवस्था खराब हो रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं केन्द्र सरकार से अपील करता हूं कि (एनआरसी) कानून लाने के बजाय युवाओं को रोजगार दें.’

असम के गुवाहाटी में कांग्रेस नेता हरीश रावत और रिपुन बोरा ने एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया.

हैदराबाद में भी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. दक्षिण हैदराबाद के डीसीपी ने कहा कि कि दक्षिणी जोन में किसी को भी कोई प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है. आबतक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के 43 छात्रों को हिरासत में लिया गया जब वह प्रोटेस्ट में शामिल होने के लिए जा रहे थे.  इनमें 19 छात्राएं भी शामिल हैं.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने देश के कई हिस्सों में धारा 144 लगाए जाने की कड़ी निंदा की है.

उप्र विधान परिषद में धारा 144 का नोटिस भेजे जाने पर हंगामा

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर समाजवादी पार्टी के देशव्यापी बंद के मद्देनजर विपक्ष के नेता और अन्य विपक्षी सदस्यों को पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था एवं निषेधाज्ञा से जुड़े नोटिस दिये जाने के विरोध में उत्तरप्रदेश विधानपरिषद में जमकर हंगामा हुआ और प्रश्नकाल नहीं चल पाया.

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि 62 लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है.

कोलकाता में सीएए और एनआरसी के खिलाफ जुटे लोग

कोलकाता के मौउलाली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हजारों लोग तख्तियां और पोस्टर लेकर जुटे. प्रदर्शनकारियों ने सीएए के खिलाफ नारे लगाए.

TISS लिटरेचर फेस्टिवल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

एनआरसी और सीएए को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच TISS लिटरेचर सोसाइटी ने  20 और 21 दिसंबर को होने वाले लिटरेचर फेस्टिवल को स्थगित करने का निर्णय लिया है.

येचुरी ने सांप्रदायिक सद्भाव तोड़ने का आरोप लगाया

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने बंद की पूर्व संध्या पर राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान को याद करते हुए कहा कि मोदी-शाह की सरकार गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि छात्र और नौजवान देश के भविष्य हैं. आज उन्हीं पीढ़ी पर हमला हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को नौकरी और रोजगार नहीं दे पा रही है.

उन्होंने कहा कि देश के अंदर आर्थिक मंदी है, देश के अंदर फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, लोगों के पास खरीदने की क्षमता नहीं है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

येचुरी ने केन्द्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि देश की रोजमर्रा की समस्या को हल करने की बजाय सरकार लोगों के बीच तनाव पैदा कर हमारी सभ्यता को पीछे धकेल रही है.

उन्होंने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की है.

वामदलों ने कहा कि 19 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि इस दिन 1927 में तीन स्वतंत्रता सेनानियों – राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान और रोशन सिंह को ब्रिटिश ने फांसी दी थी.

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस कानून के विरोध में 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है. राजद का आरोप है कि इस कानून से संविधान का उल्लंघन हुआ है.


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