‘मुलर रिपोर्ट’ सार्वजनिक करने को लेकर अमेरिका में बहसबाजी


mueller submits their report on russian interference in us election

 

पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच के लिए नियुक्त विशेष जांचकर्ता रॉबर्ट मुलर ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. मुलर ने ये रिपोर्ट अटॉर्नी जनरल विलियम बार्र को सौंपी. यह जांच करीब दो साल तक चली.

अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया है कि मुलर ने किसी और अभियोग की अनुशंसा नहीं की है. इस दौरान यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस के एजेंटों ने दखलंदाजी की. इसमें डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका भी जांच के दायरे में थी.

खबरों के मुताबिक ट्रंप और उनके सहयोगियों के ऊपर कोई नए अभियोग नहीं लगाए जाने के संकेत मिले हैं. अपनी पूरी जांच में मुलर ने कुल 34 लोगों और तीन कंपनियों पर मुकदमों की अनुशंसा की है.

इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि क्या ट्रंप पर कोई आरोप लगाए गए हैं या उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया है.

इस मामले की जांच कर रहे रॉबर्ट मुलर फेडरल जांच एजेंसी एफबीआई के पूर्व निदेशक हैं. मुलर मई 2017 से राष्ट्रपति चुनावों में रूसी भूमिका और ट्रंप के प्रचार में कथित रूसी मदद को लेकर छानबीन कर रहे हैं.

इससे पहले ट्रंप किसी बाहरी ताकत की मदद लेने की बात को सिरे से नकारते रहे हैं. इस बारे में मॉस्को ने भी किसी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया था.

ट्रंप मुलर जांच को लेकर कई मौकों पर अपनी नाराजगी दिखा चुके हैं. ट्रंप ने इस जांच को ‘विच हंट’ तक करार दे डाला था. उन्होंने मुलर से हितों के टकराव की बात भी कही थी. लेकिन अब ट्रंप के सुर बदल गए हैं. उन्होंने बीते बुधवार को कहा कि इस रिपोर्ट को आम जनता को दिखाए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.

उधर अमेरिकी अटॉर्नी जनरल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस रिपोर्ट को फिलहाल आम पहुंच में नहीं जाने दिया जाएगा. अटॉर्नी जनरल विलियम बार्र ट्रंप प्रशासन की अनुशंसा पर नियुक्त हुए हैं और अब वही निर्धारित करेंगे कि इस रिपोर्ट का कितना हिस्सा आम किया जाएगा.

विलियम ने सांसदों को लिखे एक पत्र में कहा कि वे इस रिपोर्ट के मुख्य अंश को कांग्रेस के समक्ष पेश करेंगे. उन्होंने हर संभव पारदर्शिता अपनाने की बात भी कही है.

मुलर जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी है. भारतीय मूल के सांसद आरओ खन्ना ने कहा, “मनचाही तोड़-मरोड़ या राजनीतिक पक्षपात की कोई जगह नहीं है. समूची मुलर रिपोर्ट को आम अमेरिकी नागरिक की पहुंच में होना चाहिए. ये पारदर्शिता होगी.”

उधर अमेरिकी मीडिया भी इस रिपोर्ट पर लगातार प्रतिक्रिया दे रहा है. सीएनएन ने लिखा कि ट्रंप के कार्यकाल के सबसे ज्यादा नाटकीय भाग का जांच के साथ ही अंत हो गया. वहीं फॉक्स न्यूज ने कहा कि इसी के साथ राजनीतिक विस्फोट वाली जांच का अंत हो गया और नई लड़ाई की शुरुआत भी हो गई.


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