एनजीटी ने अवैध खनन मामले में मेघालय सरकार पर लगाया 100 करोड़ का जुर्माना


 

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राज्य में अवैध कोयला खदान पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.

खनन मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर अधिकरण की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की एक रिपोर्ट एनजीटी अध्यक्ष ए. के. गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने दो जनवरी को पेश की गई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में ज्यादातर खदान बिना लीज या लाइसेंस के चल रही हैं.

एनजीटी ने पूर्वोत्तर राज्य में अवैध खनन पर लगाम लगाने में ‘‘निष्क्रियता’’ के लिए राज्य सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.

अधिवक्ता ने कहा कि सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह स्वीकार किया कि बड़ी संख्या में खदानें गैरकानूनी तरीके से चल रही हैं.

मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के लुम्थारी गांव में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में 13 दिसंबर से कम से कम 15 मजदूर फंसे हुए हैं और बाढ़ग्रस्त खदान से पानी निकालने की सारी कोशिशें नाकाम रही हैं.

वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजावानी ने कहा कि जुर्माने की राशि दो महीने के अंदर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करानी होगी.

उन्होंने बताया कि पीठ ने अपने आदेश में ये साफ कर दिया कि गैरकानूनी खदान मालिकों और इन खदानों के चलने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से यह धनराशि वसूल की जा सकती है.

गुवाहाटी न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी पी काकोती की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि मेघालय में करीब 24,000 खदान हैं और उनमें से ज्यादातर गैरकानूनी रूप से चल रही हैं.


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