नीति आयोग ने पीएमओ की मदद के आरोपों का किया खंडन


niti aayog in answer to ec denies allegations of helping pmo

 

नीति आयोग ने चुनाव के दौरान पीएमओ की मदद करने के आरोपों का खंडन किया है.

आरोप था कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों में रैलियों के दौरान अपने भाषणों में नीति आयोग की ओर से दिए गए सांस्कृतिक, क्षेत्रीय तथ्यों और आंकड़ों का उल्लेख किया है. नीति आोयग को आंकड़े मुहैया कराने के आदेश पीएमओ की ओर से दिए गए थे.

एक वेबसाइट रिपोर्ट में किए गए खुलासे के बाद, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पीएमओ पर प्रधानमंत्री की रैलियों के लिए नीति आयोग की मदद का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की थी.

नियमों के अनुसार आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रधानमंत्री अपनी रैलियों या निजी कार्यों के लिए सरकारी संपत्ति और संगठनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए गए इन आरोपों को खारिज करते हुए नीति आयोग ने कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार वाले स्थानों के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को पहले ही जानकारी मुहैया कराने में सहायता की थी.

सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग ने चुनाव आयोग से इस संबंध में प्राप्त आधिकारिक पत्र पर अपने जबाव में कहा कि उस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.

चुनाव आयोग ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को दोनों पार्टियों के आरोपों के संबंध में चार मई को पत्र लिखा था. साथ ही कांत को तत्काल जवाब देने को कहा था. पत्र में आयोग ने उन आरोपों का जिक्र किया है कि नीति आयोग ने विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में अधिकारियों से प्रधानमंत्री के प्रचार वाले स्थानों के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को लेख देने को कहा था.

नीति आयोग के जवाब पर चुनाव आयोग बोर्ड अब अपना फैसला सुनाएगा. चुनाव आयोग की इस पूरी कवायद का मकसद यह पता लगाना है कि इस दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हुआ है.


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