एनआरसी की अंतिम सूची जारी, करीबन 19 लाख लोग बाहर
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची आज जारी की गई. तीन करोड़ 29 लाख लोगों ने एनआरसी के लिए आवेदन दिया था, जिसमें से तीन करोड़ 11 लाख लोगों के आवेदन को ही वैध पाया गया है. अंतिम सूची में करीबन 19 लाख छह हजार लोगों के नाम शामिल नहीं है.
सूची सरकारी वेबसाइट्स (www.assam.gov.in, www.nrcassam.nic.in, www.assam.mygov.in) और सेवा केंद्रों पर देखी जा सकती है.
सूची से बाहर हुए लोगों के पास विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करने के लिए चार महीने का समय है. इस पूरी प्रक्रिया में अभी 10 महीने का समय और लगेगा. जिसके बाद ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित किया जाएगा.
पुलिस ने विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि शनिवार को प्रकाशित होने जा रही अंतिम सूची से जो लोग छूट जाएंगे उनकी चिंताओं पर राज्य सरकार ध्यान देगी और सुनिश्चित करेगी कि किसी का ‘अनावश्यक उत्पीड़न’ नहीं हो.
हालांकि राज्य में चिंता महौल बंगाल की पृष्ठभूमि से आने वाली हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अधिक है. राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सूची से बाहर होने वाले लोगों में हिंदुओं की संख्या अधिक हो सकती है.
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इससे पहले दो चरणों में जारी हुए एनआरसी ड्राफ्ट में 41 लाख आवेदनकर्ताओं के नाम शामिल नहीं थे. जिसके बाद बाहर हुए लोगों को एक बार फिर आवेदन करने का मौका दिया गया था. हालांकि बाहर हुए लोगों में से तीन लाख 61 हजार लोगों ने पुनः आवेदन नहीं दिए थे.
मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में कहा कि “जब तक अपीलकर्ता की याचिका विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में विचाराधीन है तब तक उन्हें विदेशी नहीं माना जा सकता. इसलिए उन्होंने राज्य में बराक, ब्रह्मपुत्र, पर्वतीय तथा मैदानी क्षेत्रों के लोगों से अपील की कि अमन चैन बनाए रखें और परिपक्व समाज की मिसाल पेश करें.”
सोनोवाल ने यह भरोसा भी दिलाया कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में शामिल नहीं किये गये हैं, उन्हें अपील दाखिल करने का मौका मिलेगा और केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में उनका पक्ष सुना जाएगा.
उन्होंने कहा, “एफटी में अपील दाखिल करने की समयावधि 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने से सूची से छूट गये सभी लोगों को एक समान अवसर मिलेगा.”
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी का अनावश्यक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा.”
उन्होंने कहा कि एनआरसी हजारों लोगों के अथक प्रयासों का नतीजा है और असम की जनता के बिना शर्त समर्थन के कारण यह संभव हो पाया है.
असम में अंतिम एनआरसी का प्रकाशन शनिवार को किया जाएगा. असम एकमात्र राज्य है जहां 1951 के बाद सूची में संशोधन किया जा रहा है.