सेना के बलिदान पर राजनीति कर रही मोदी सरकार: विपक्ष
भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस एवं 21 अन्य विपक्षों की दलों के बीच बैठक हुई. इस बैठक में देश के वर्तमान हालात पर चर्चा हुई. इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी बीजेपी नेताओं द्वारा सैनिकों के बलिदान का राजनीतिकरण करने को लेकर विरोध जताया.
विपक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा राजनीति से ऊपर का मसला है. विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के सर्वदलीय बैठक में ना शामिल होने को लेकर निराशा जताई और इसे लोकतंत्रिक संस्कृति के विपरीत बताया.
बैठक से वापस लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सभी दलों ने पुलवामा हमले की निंदा की और हमारी वायु सेना की कार्रवाई की प्रशंसा की. राहुल ने लापता पायलट की सुरक्षा को लेकर चिंता जाताए जाने की बात भी कही.
उधर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मोदी के सर्वदलीय बैठक में शामिल ना होने पर आलोचना की. उन्होंने लापता पायलट को वापस लाने की मांग भी की.
पहले ये बैठक विपक्षी दलों के बीच लोकसभा चुनाव के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने के लिए होनी थी, लेकिन सीमा पर हालात ठीक ना होने के चलते आम चुनाव को लेकर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई.
संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई इस बैठक में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए.