सीएम अशोक गहलोत ने चार्जशीट में पहलू खान का नाम होने से इनकार किया


rajasthan police moves court to reopen pehlu khan lynching case

 

पहलू खान हत्या मामले में पुलिस चार्जशीट को लेकर चल रही बहस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना पक्ष साफ किया है. उन्होंने पुलिस चार्जशीट में पहलू खान का नाम शामिल होने से इनकार किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस बारे में आ रही रिपोर्ट सही थी तो सरकार इसकी जांच करेगी.

इस मामले में डेयरी किसान पहलू खान कथित गो-रक्षकों की हिंसा का शिकार हो गए थे. गो-तस्करी का आरोप लगाकर भीड़ द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी.

चार्जशीट के बारे में बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, “इस मामले की जांच पिछली बीजेपी सरकार में हुई थी. अब वही चार्जशीट दाखिल की गई है, हम जांच करेंगे कि पूरे मामले में ठीक से तफ्तीश हुई है या नहीं.”

गहलोत ने अपने ट्वीट में मीडिया में आ रही खबरों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश में कहीं भी लिंचिंग जैसी घटना की वैचारिक रूप से खिलाफत करती है.

इससे पहले अलवर के एसपी पारिस देशमुख ने प्रेस को बताया था कि पहलू खान और अन्य के पास जानवरों को राज्य से बाहर ले जाने का परमिट नहीं था. यह गैरकानूनी था, चार्जशीट में इसी बात का जिक्र किया गया है. उन्होंने पहलू खान को आरोपी नहीं बनाए जाने की बात भी कही थी.

पहलू खान की मौत के दो साल बाद 24 मई को अदालत में पेश गई चार्जशीट में पहलू खान के दो बेटों इरशाद और आरिफ के अलावा एक अन्य को आरोपी बनाया गया था. देशमुख ने बताया, “24 मई को कोर्ट में पेश चार्जशीट से पहलू खान का नाम हटा दिया गया था. आरोप पत्र में पहलू खान के बेटे इरशाद खान और आरिफ खान तथा वाहन चालक खान मोहम्मद को राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम 1995 की विभिन्न धाराओं तहत आरोपी बनाया गया है.”

देशमुख ने बताया “आरबीए एक्ट के तहत राजस्थान से बाहर गाय ले जाने के लिए पूर्व अनुमति की जरूरत होती है, हमने इन लोगों के पास ऐसी कोई अनुमति नहीं पाई, प्रशासन ने ऐसी कोई अनुमति जारी ही नहीं की थी.”

इससे पहले पीड़ित के परिवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि न्याय को लेकर उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है सरकार बदलने के बाद भी वे उसी तरह डर के साये में जी रहें हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया इरशाद के हवाले से लिखता है, “हमें शनिवार को चार्जशीट के बारे में पता चला और इसके बाद से अब तक हम ये समझ नहीं पाए हैं कि इसमें हमारे मृत पिता का नाम क्यों शामिल किया गया है. एक व्यक्ति जिसकी हत्या कर दी गई है उसके साथ इस तरह का व्यवहार किया गया है.”

इससे पहले एआईएमआईएम नेता ओवैसी राजस्थान के मुसलमानों से कांग्रेस को समर्थन ना करने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस को बीजेपी का ही प्रतिरूप बताया था.

पहलू खान की एक अप्रैल 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने बहरोड़ (अलवर) में पिटाई की थी जिससे अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. पहलू खान व उनके बेटे मवेशी लेकर हरियाणा के नूंह जा रहे थे.

इस मामले में बहरोड़ पुलिस स्टेशन में सात प्राथमिकी दर्ज हुई थीं. जिनमें से एक हत्या की थी, जबकि छह गैर कानूनी तरीके से गोवंश को ले जाने के मामले में थी. इस मामले में पुलिस का कहना है कि अपराध में छह वाहनों का प्रयोग किया गया था. पुलिस पहले ही एक को छोड़कर बाकी सब मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी थी.

इससे जुड़े अंतिम मामले की जांच बीते 30 दिसंबर को पूरी हो गई थी, जिसकी चार्जशीट इस साल 24 मई को पेश की गई.

इस मामले में पहलू खान के बेटे इरशाद का कहना है कि वो जयपुर के मेले से जानवर लेकर आ रहे थे और उनके पास इसकी रशीद भी थी.

पहलू खान की हत्या से जुड़े मामले में नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था. इसमें दो आरोपी नाबालिग भी थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया था. इस मामले की चार्जशीट बीती 25 फरवरी को अदालत में पेश की जा चुकी है. फिलहाल मामले की सुनवाई जारी है.


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