अंतरिम बजट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर


supreme court rejects all review petition in ayodhya verdict

 

संसद में अंतरिम बजट पेश होने के कुछ घंटों के भीतर, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में इसे निरस्त करने का अनुरोध किया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि अंतरिम बजट का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है.

अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि संविधान के तहत, केवल पूर्ण वार्षिक बजट और लेखानुदान पेश करने का प्रावधान है.

लेखानुदान चुनावी वर्ष में सीमित अवधि के लिए सरकारी खर्च को मंजूरी देनी होती है. बाद में नई चुनी हुई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है.

लोकसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें मध्यम वर्ग और किसानों के लिए कई लुभावनी घोषणाएं की गईं. जिसमें दो हेक्टेयर तक ज़मीन वाले किसानों को सालाना छह हज़ार रुपये दिए जाना और आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख किए जाने जैसी घोषणाएं शामिल हैं.

इसे सरकार का चुनावी बजट बताया जा रहा है, क्योंकि कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं.

पिछले साल दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक की आरक्षित पूंजी से संबंधित मुद्दे पर तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने पर शर्मा पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.


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