प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन आचार संहिता का उल्लंघन नहीं: EC


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चुनाव आयोग का कहना है कि ‘मिशन शक्ति’ पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है. भाषण पर आयोग को मिली शिकायत के बाद गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री को हरी झंडी दे दी गई है.

हालांकि आयोग ने इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग की अनुमति के बिना राष्ट्र के नाम संबोधन क्यों दिया.

भारत द्वारा अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल लॉन्च ‘मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण के बाद 27 मार्च को प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया था.

इसके बाद मोदी के संबोधन को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने आयोग से शिकायत की थी.

इस मामले में आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने येचुरी की शिकायत को खारिज कर दिया है. आयोग ने कहा है कि आचार संहिता के तहत सरकारी मीडिया के दुरुपयोग संबंधी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है.

समिति ने इस मामले की जांच के लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रधानमंत्री के संबोधन के प्रसारण के फीड के स्रोत और दूसरी जानकारियां मांगी थीं. फीड के स्रोत की जांच के आधार पर समिति ने पीएम के प्रसारण को अचार संहिता के उल्लंघन के दायरे से बाहर बताया.

जबकि इससे पहले चुनाव उपायुक्त संदीप सक्सेना ने बताया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को इस मामले में न तो सूचित किया गया था ना ही अनुमति मांगी गई थी.

हैरत ये है कि आयोग ने अपनी जांच में इस बात के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की. इससे पहले कल पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अगर कोई घोषणा बहुत जरूरी हो तो उसे किसी ‘मंत्री’ को नहीं बल्कि ‘अधिकारी’ को सार्वजनिक करना चाहिए.

उन्होंने कहा, आचार संहिता के दौरान कोई भी ऐसी घोषणा नहीं की जा सकती जो मतदाताओं को प्रभावित करे. हमारे पास कोई प्रस्ताव आता है तो हम यह देखते हैं कि क्या उसको रोका जा सकता है. अगर संभव होता है तो हम उसे रोक देते हैं.

कुरैशी ने साफ किया था कि अतीत में इस तरह की घोषणाएं हमेशा डीआरडीओ की ओर से ही गई हैं.


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