कर्नाटक: दो निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी से सियासी संकट?


political turmoil in karnataka government

 

कर्नाटक में सियासी पारा फिर चढ़ता नजर आ रहा है. जनता दल सरकार में साझीदार दो विधायकों के समर्थन वापस लेने से सरकार को बड़ा झटका लगा है. खबरों के मुताबिक दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. इसे बीजेपी के ‘ऑपरेशन लोटस’ का परिणाम बताया जा रहा है.

निर्दलीय विधायक आर शंकर ने कहा कि आज मकर संक्रांति के दिन हम सरकार में बदलाव चाहते हैं.

इससे पहले कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की गठबंधन सरकार और विपक्षी दल बीजेपी एक दूसरे पर उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाते रहे हैं.

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी बीजेपी पर उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगा रहे हैं.

वहीं मकर संक्रांति के मौके पर बीजेपी के 104 विधायक राज्य में नहीं हैं. मकर संक्रांति राज्य का एक प्रमुख त्योहार है, ऐसे मौके पर विधायकों का बाहर होना किसी बड़ी योजना का संकेत बताया जा रहा है.

हालांकि बीजेपी की ओर से कहा गया है कि उनके विधायक पार्टी की बैठक में शामिल होने के दिल्ली गए हुए हैं. वहीं बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर उनके विधायकों की खरीद-फरोख़्त की आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हम एकजुट हैं और कुछ दिन दिल्ली में रहेंगे.

224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में बीते साल मई में चुनाव हुआ था. विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए काफी उठा-पटक हुई थी. जिसके बाद जनता दल सेकुलर ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार का गठन किया था.

कांग्रेस और जनता दल सेकुलर के पास इस समय 118 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 104 विधायक हैं. बीजेपी फिलहाल बहुमत के आंकडे 113 से काफी दूर है, लेकिन राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.


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