पुर्तगाल: समाजवादी एंटोनियो कोस्टा ने जीता आम चुनाव, गठबंधन की सरकार बनाने का किया एलान
पुर्तगाल के समाजवादी पार्टी के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने आम चुनाव में अपनी जीत की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि वे गठबंधन की सरकार चलाएंगे. सोमवार को उन्होंने इसका एलान किया.
कोस्टा की समाजवादी पार्टी को लोगों का समर्थन तो मिला लेकिन बहुमत प्राप्त करने में असफल रही.
इसका मतलब यह है कि उन्हें अब अपने एक या दोनों धुर वामपंथी सहयोगी दलों के साथ एक नया समझौता करना होगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वह नई पार्टी पीपल एनिमल्स नेचर पार्टी के साथ भी बातचीत करेंगे.
कोस्टा ने समर्थकों की भीड़ का उत्साह बढ़ाते हुए कहा, “पुर्तगालियों को हमारी व्यवस्था पसंद आई है. हम देखेंगे अगर संभंव हुआ तो हम गठबंधन करने की कोशिश करेंगे.”
कोस्टा के मुख्य प्रतिद्वंद्वी रुई रियो हैं. उनकी पार्टी सोशल डेमोक्रैटस् है. उनकी पार्टी 28 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. उन्हें कम से कम 77 सीटें मिली हैं.
पुर्तगाल की संसद में राजनीतिक पार्टियों की संख्याओं का भी विस्तार हुआ है. दो नई पार्टियों ने चुनाव में पहली बार में ही सीट जीत ली है. पहली पार्टी नेशनल कंजर्वेटिव चेगा (ईसीआर) और दूसरी एलईवीआरई है.
कोस्टा की जीत में अर्थव्यवस्था की बड़ी भूमिका रही है. पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था यूरोपियन यूनियन के औसत से भी ज्यादा बढ़ रही है. इसका मुख्य कारण निर्यात में बढ़ोत्तरी और पर्यटन उद्योग में आई तेजी है. पिछले वर्ष पुर्तगाल में वहां रह रहे लोगों से अधिक पर्यटक घूमने के लिए आए थे.
वर्तमान यूरोप के लिए यह असामान्य है कि इस चुनाव में धुर दक्षिणपंथी और लोकलुभावनवाद के बारे में बहुत कम चर्चा हुई थी.
आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो पिछले चुनाव की तुलना में कुल मतदान कम हुआ है. यह 44 फीसदी से 49 फीसदी के बीच में रहा है.
पूरे यूरोपीय संघ में कट्टरपंथी नई पार्टियां राजनीतिक परिदृश्य को बदल रही हैं. कई देशों में पारंपरिक समाजवादी पार्टियां हार गई हैं. लेकिन पुर्तगाल में ऐसा नहीं है.
58 साल के कोस्टा ने पूर्ण बहुमत हासिल करने की उम्मीद की थी. उन्होंने पहले तीन सरकारों में कैबिनेट पद संभाले थे और राजधानी लिस्बन के मेयर के रूप में लगातार दो कार्यकाल तक बने रहे थे.
उन्होंने 2014 में विकास दर 0.2 फीसदी से 2018 में 2.1 फीसदी और बेरोजगारी लगभग आधे से 6 प्रतिशत तक बढ़ने के साथ एक मजबूत आर्थिक सुधार की देखरेख की है.
हाल में हुए कई अन्य यूरोपीय चुनावों के विपरीत पुर्तगाल में आव्रजन (इमिग्रेशन) एक चुनावी मुद्दा नहीं रहा था. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि यूरोपीय संघ के प्रवासी वृद्धि ने बड़े पैमाने पर पुर्तगाल को दरकिनार कर दिया है.
हज़ारों की संख्या में अविभाजित प्रवासियों ने उत्तरी अफ्रीका से दक्षिणी यूरोप तक भूमध्य सागर को पार किया जिसका इटली और स्पेन में काफी विरोध हुआ. पुर्तगाल उन भौगोलिक मार्गों पर नहीं आता है. और पश्चिमी यूरोप के आर्थिक रूप से सबसे गरीब देशों में से एक के रूप में प्रवासियों उसे अपने रहने के लिए नहीं देखते हैं.
पिछले साल जर्मनी और फ्रांस में शरण लेने वालों की संख्या 300,000 से अधिक थी. यह पुर्तगाल की कुल संख्या से काफी ज्यादा है.
लिस्बन विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान के एक प्रोफेसर एंटोनियो कोस्टा पिंटो का कहना है, “यदि पलायन पुर्तगाल में बाकी देशों के समान पैमाने पर पहुंच गया तो पुर्तगालियों बड़ी आसानी से अपना रवैया बदल सकते हैं.
उन्होंने कहा, प्रवासियों की समस्या के लिए ऐसा कुछ नहीं है कि जिससे पुर्तगाल बच सके.