200 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी


president of india approves 200 point roster system

 

उच्च शिक्षण संस्थाओं में 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को बहाल करने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. यह प्रणाली शिक्षक कैडर में आरक्षण से संबंधित है.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस अध्यादेश में विभाग या विषय की बजाए विश्वविद्यालय या कालेज को इकाई माना गया है.

इससे पहले की 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली में शिक्षकों के कुल पदों की गणना विश्वविद्यालय या कॉलेज के अनुसार ना करके विभाग ये विषय के हिसाब से की जानी थी. 200 सूत्री रोस्टर प्रणाली में पूरे विश्वविद्यालय को एक इकाई मानकर और किसी श्रेणी विशेष के सभी पदों को मिलाकर आरक्षण कोटे का आकलन किया जाता है.

इस निर्णय से शिक्षक कैडर में सीधी भर्ती के तहत 5000 से अधिक रिक्तियों को भरते समय यह सामाजिक न्याय को सुनिश्चित किया जा सकेगा. इससे संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का पूरी तरह से अनुपालन हो सकेगा. इस प्रणाली में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियत आरक्षण प्रावधान का पालन हो सकेगा.

13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के आदेश के बाद छात्रों और शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इन संगठनों की ओर से सरकार से आग्रह किया गया था कि 200 प्वाइंट की रोस्टर प्रणाली को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाया जाए.

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बारे में अध्यादेश लाने का आश्वासन दिया था.

आरक्षण रोस्टर को लेकर यह विवाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद शुरू हुआ. इस आदेश में आरक्षण रोस्टर का निर्धारण विवि को यूनिट मानकर तय करने की बजाय विभाग को यूनिट मानकर तय करने का निर्देश दिया था. इसके बाद यूजीसी ने सभी विवि को आदेश जारी कर विभागवार आरक्षण रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया था.


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