राजद ने सीएए की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी


RJD challenged the validity of CAA in Supreme Court

 

राजद नेता मनोज झा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ है.

झा ने अपनी याचिका में कहा कि यह कानून धर्मनिरपेक्षतावाद का उल्लंघन है क्योंकि इसमें धार्मिक समूहों के खिलाफ ‘भेदभाव की दुर्भावना’ के साथ नागरिकता मुहैया कराने में कुछ लोगों को बाहर रखा गया है.

झा ने वकील फौजिया शकील के जरिए दायर याचिका में कहा, ‘भारतीय नागरिकता का चरित्र धर्मनिरपेक्ष है. धर्म के आधार पर नागरिकता देते हुए लोगों के बीच भेदभाव करना संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है. यह संविधान के मूल सिद्धांत और संवैधानिक नैतिकता की अवधारणा की घोर उपेक्षा है.’

मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की. उसने कहा कि यह कानून संविधान के बुनियादी मूल्यों का उल्लंघन करता है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है.


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