बिहार: अंततः महागठबंधन से छंटे संकट के बादल
बिहार में सीट बंटवारे पर शुरू हुए घमासान के बाद महागठबंधन पर मंडरा रहे संकट के बादल अब छंट गए हैं. राजद और कांग्रेस सीट बंटवारे पर समझौता करने के लिए तैयार हो गई है. तेजस्वी यादव ने महागठबंधन पर संकट की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि महागठबंधन कभी नहीं टूट सकता.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बिहार में राजद की खाते में आई 19 सीटों के नाम सबसे सामने रखे. उन्होंने कहा राजद मधेपुरा, दरभंगा, वैशाली, गोपालगंज, भागलुपर, बांका, सिवान, महारगंज, सारन, हाजिपुर, बेगुसराय, पाटलिपुत्र, बक्सर, जहांनाबाद, नवादा, झंझारपुर, शिवहर, बक्सर और सीतामढ़ी सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
महागठबंधन ने मधेपुरा से शरद यादव, पाटलिपुत्र से मीशा भारती, जहानाबाद से सुरेंद्र यादव, भागलपुर से बुलो मंडल और दरभंगा से अब्दुल बारी सिद्दीकी को टिकट दिया है.
आरा की सीट राजद ने सीपीआई(एमएल) को देने का फैसला किया है.
वहीं कांग्रेस ने भी बिहार में चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने सुपौल, समस्तीपुर, मुंगेर और सासाराम सीट पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. जैसा की अटकलें चल रही थीं, पार्टी ने सुपौल से रंजीत रंजन को टिकट दिया है. जबकि समस्तीपुर से अशोक कुमार, मुंगेर से नीलम देवी और सासाराम से मीरा कुमार को टिकट दिया है.
पटना साहेब सीट कांग्रेस के खाते में गई है. हालांकि कांग्रेस ने अबतक इस सीट से अपने उम्मीदवार का नाम साफ नहीं किया है.
पार्टी ने यह घोषणा अपनी 14वीं सूची में दी है. सूची में बिहार समेत ओडिशा की 8 और उत्तरप्रदेश की एक सीट पर भी उम्मीदवारों की घोषणा की है.