कश्मीर मुद्दे पर OIC बैठक की अध्यक्षता करेगा सऊदी अरब


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सऊदी अरब ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों के साथ खास बैठक बुलाई है. इस बैठक में कश्मीर मुद्दे पर बातचीत होगी.

पिछले हफ्ते सऊदी अरब ने पाकिस्तान को मलेशिया के इस्लामिक समिट में शामिल न होने के लिए राजी किया था. तब सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल-सऊद इस्लामाबाद के दौरे पर थे.

मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद कुआलालंपुर में इस्लामिक मुद्दों से जुड़े इस्लामिक समिट की अध्यक्षता कर रहे थे.

ओआईसी की बैठक उसी के एवज में की जा रही है.

कुआलालंपुर समिट में तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तय्यप एर्दोगान के साथ साथ ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी भी शामिल हुए थे. ईरान का बैठक में शामिल होना सऊदी अरब को नागवार गुजरा है.

ओआईसी की बैठक की तारीख का एलान अभी नहीं हुआ है.

सऊदी अरब के इस कदम का असर भारत के साथ द्वीपक्षीय संबंध पर पड़ सकता है.

भारत सऊदी अरब के इस कदम से खुश नहीं होगा क्योंकि बीते कुछ वक्त में भारत  सऊदी अरब के साथ रणनीतिक साझेदारी बनाने की ओर बढ़ा है.

पाकिस्तान को महसूस हुआ है कि पांच अगस्त को कश्मीर पर भारत के लिए फैसले पर मुस्लिम देशों खासकर ओआईसी ने उसका समर्थन नहीं किया है.

इस्लामिक देशों में भारत की विदेश नीति को पहुंचाने के लिए सऊदी अरब और यूएई ने अहम भूमिका निभाई है. यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बावजूद मुस्लिम देशों ने कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी थी.

भारत ने राजनयिक कदम उठाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर को दो दिन को दौरे के लिए तेहरान भेजा था. वहां जयशंकर ने तेहरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ से मुलाकात की थी. यह मुलाकात अमेरिका में 2+2 बैठक से लौटते हुए की गई थी.


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