राफेल मामला: केंद्र को झटका, लीक दस्तावेजों पर सुनवाई को मंजूरी


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेजों को आधार बनाकर सुनवाई करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने राफेल मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश तीन अहम दस्तावेजों को आधार बनाकर सुनवाई करने की मंजूरी दे दी है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा, ‘‘ हम केन्द्र की ओर से समीक्षा याचिका की स्वीकार्यता पर उठाई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करते हैं’’.

कोर्ट ने मामले में लीक हुए दस्तावेज पर केंद्र सरकार के विशेषाधिकार के दावे को ठुकाराते हुए कहा कि जो नए दस्तावेज पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं, उसको आधार बनाते हुए याचिकाओं पर आगे की सुनवाई की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नई तारीख तय करेगा.

इससे पहले, मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने फ्रांस के साथ हुए राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया था. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई भी इन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकता.

केंद्र ने दलील दी थी कि सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 (1)(ए) के अनुसार भी इस जानकारी को सार्वजनिक करने से छूट प्राप्त है.

कोर्ट ने इस मामले में 14 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण का कहना था कि नए दस्तावेज बेहद महत्वपूर्ण हैं, लिहाजा इन पर विचार किया जाना चाहिए. भूषण ने दलील दी थी कि इस मामले में लीक दस्तावेज पहले ही पब्लिक डोमेन में हैं ऐसे में केंद्र सरकार की आपत्तियां दुर्भावनापूर्ण हैं और पूरी तरह अविचारणीय हैं.


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