चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर निचली अदालत विचार करे: सुप्रीम कोर्ट


sc ask mp speaker to take decision on resignation of rebel legislators

 

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अंतरिम जमानत देने के आग्रह पर आज ही विचार करे. इससे पहले चिदंबरम ने न्यायलाय से कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाए बल्कि घर में ही नजरबंद कर दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी.

जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत की ओर से जारी किए गए गैर जमानती वारंट और बाद उन्हें जांच ब्यूरो की हिरासत में देने के आदेश को चुनौती देने के मामले में अपना जवाब दाखिल करे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि दो सितंबर को खत्म हो रही है और उन्हें दिन में संबंधित निचली अदालत में पेश किया जाएगा.

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल ने पीठ से कहा कि पूर्व मंत्री को गैर जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद 12 दिन से वह सीबीआई की हिरासत में हैं. उन्होंने गैर जमानती वारंट जारी करने और उन्हें सीबीआई हिरासत में दिए जाने पर सवाल उठाए.

सिब्बल ने कहा, “गैर जमानती वारंट जारी नहीं किया जाना चाहिए था. या तो उन्हें (चिदंबरम) अंतरिम जमानत दी जाए या फिर घर में ही हिरासत में रखा जाए. उन्हें (चिदंबरम) तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाना चाहिए.”

पीठ ने कहा, “उन्हें नियमित जमानत के लिए याचिका दायर करनी होगी. सक्षम अदालत के पास मामला है. हम नियमित अदालत और हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को क्यों लांघे.”

इस पर सिब्बल ने कहा कि यदि न्यायिक हिरासत में चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेजा गया तो फिर उनकी याचिका निरर्थक हो जाएगी.

सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल केएम नटराज ने चिदंबरम को किसी भी प्रकार का अंतरिम संरक्षण देने के अनुरोध का विरोध किया. उन्होंने कहा कि एक आरोपी यह नहीं कह सकता कि वह पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत में रहेगा.

सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम को सीबीआई की हिरासत अवधि पूरी होने पर आज निचली अदालत में पेश किया जाएगा और अगर उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया तो सुप्रीम कोर्ट में लंबित उनकी याचिका निरर्थक हो जाएगी.

पीठ ने दलीलें सुनने के बाद चिदंबरम को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत से कानून के अनुरूप अंतरिम जमानत सहित उचित राहत का अनुरोध करें.

पीठ ने कहा कि वह चिदंबरम की याचिका पर पांच सितंबर को सुनवाई करेगी.


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