इंटरनेट मूलभूत अधिकार, पाबंदियों की समीक्षा करे जम्मू-कश्मीर प्रशासन: सुप्रीम कोर्ट
जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद समेत अन्य संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पाबंदी लगाने वाले सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा और उन्हें सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.
जस्टिस एनवी रमन्ना, आर सुभाष रेड्डी और बीआर गवई ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा, ‘इंटरनेट बंद केवल कुछ समय के लिए किया जाता है और ये न्यायिक समीक्षा के तहत आता है.’
कोर्ट ने कहा, ‘कश्मीर ने बहुत हिंसा देखी है. हम मानव अधिकार और स्वतंत्रता के साथ सुरक्षा के बीच संतुलन लाने की कोशिश करेंगे. किसी भी लोकतंत्र में बोलने की आजादी बेहद अहम होती है. इंटरनेट चलाने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत एक मूलभूत अधिकार है.’
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को पाबंदी लगानेवाले सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, ‘धारा 144 लगते समय भी गहराई से विचार होना चाहिए.’
कश्मीर घाटी पर में पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही इंटरनेट और अन्य सुविधाओं पर रोक लगी है. यहां संचार सुविधाएं 160 दिन से भी ज्यादा समय से बंद हैं.