लोकपाल की नियुक्ति में देरी पर नाराज सुप्रीम कोर्ट


supreme court grills officers over delhi-ncr smog

 

लोकपाल की नियुक्ति में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि लोकपाल की नियुक्ति में इतनी देरी क्यों हो रही है. साथ ही कोर्ट ने पूछा है कि सर्च कमिटी ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. इस मामले में कोर्ट 17 जनवरी को अगली सुनवाई करेगा.

कोर्ट ने सरकार द्वारा लोकपाल के चयन की धीमी गति को लेकर निराशा भी व्यक्त की है.

इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने लोकपाल की सर्च कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में केंद्र की ओर से दिए गए जवाब से नाखुशी जताई थी.

कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि चयन समिति की बैठक हुई थी, लेकिन सर्च कमेटी के लिए नामों पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है. वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि ऐसी नियुक्ति के लिए कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए सर्च कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति के लिए जल्दी ही फिर से बैठक होगी.

लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी पर एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था, कि केंद्र सरकार ने अगली तारीख तय नहीं की है और कानून पारित होने के पांच साल बाद भी वो लोकपाल की नियुक्ति में टाल मटोल कर रहे है.

भूषण ने यह भी कहा था कि संभावित प्राधिकरण के खिलाफ अवमानना की करवाई शुरू की जानी चाहिए या फिर न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त अधिकार का प्रयोग कर लोकपाल की नियुक्ति कर सकता है. भूषण ने कहा था कि अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को अपने आदेशों को लागू करवाने का अधिकार प्राप्त है.

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं होने के कारण सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है.


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