नागेश्वर राव को मिली एक दिन अदालत में बैठने की सजा


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया है. कोर्ट का ये फैसला मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में हुई एक सुनवाई पर आया है.

कोर्ट ने एम नागेश्वर राव और जांच एजेंसी के अभियोजन निदेशक एस भासू राम को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए  सजा के तौर पर अदालत की कार्यवाही खत्म होने तक कोर्टरूम में ही बैठे रहने का आदेश दिया.

इसके अलावा इन दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाने का आदेश दिया है.  

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम को अदालत के आदेश के बिना न हटाया जाए.  

कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद नागेश्वर राव ने इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया था.

राव की ओर से अदालत में बोलते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि राव ने ट्रांसफर किसी समझी-बूझी रणनीति के तहत नहीं किया. लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार नहीं किया.


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