राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता मामले को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज


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सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेज अध्यक्ष राहुल गांधी पर दोहरी नागरिकता का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में मांग की गई थी कि राहुल गांधी ने खुद से ब्रिटिश नागरिकता हासिल की है, इसलिए चुनाव आयोग उनके चुनाव लड़ने और सांसद बनने पर रोक लगाए.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोई कंपनी अगर किसी फ़ॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक के तौर मेंशन करती है तो क्या ऐसा कर देने से भर वो ब्रिटिश नागरिक हो गए.

राहुल गांधी के खिलाफ यह याचिका दिल्ली के दो निवासियों जय भगवान गोयल और चंदर प्रकाश त्यागी ने डाली थी. दोनों का कहना था कि एक जागरूक नागरिक के तौर पर जनतांत्रिक संस्थानों की हिफाजत करना उनका कर्तव्य है.

दोनों ने अपनी याचिका में सवाल उठाया था कि जिस व्यक्ति ने अपनी सहमति से ब्रिटिश नागरिकता हासिल की है, क्या उसे अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ने और उसके बाद भारतीय संसद में बैठने का हक है.

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि राहुल गांधी यह घोषित करें कि वो भारत के नागरिक नहीं है और पीपुल्स रिप्रजेंटेशन एक्ट 1951 के तहत चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं.

याचिका के बाद गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को दोहरी नागरिकता पर जवाब मांगते हुए नोटिस भी भेज था.

इससे पहले 30 नवंबर 2015 को राहुल गांधी के खिलाफ डाली गई एक ऐसी ही याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस याचिका में राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर सीबीआई जांच की मांग की गई थी.


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