अस्थायी शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के समान वेतन नहीं: सुप्रीम कोर्ट


supreme court rejects all review petition in ayodhya verdict

 

बिहार के साढ़े तीन लाख से ज्यादा अस्थायी शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. जस्टिस एएम सप्रे और यूयू ललित की बेंच ने आज मामले में सुनवाई करते हुए अस्थायी शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के समान वेतन देने के पटना हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए बिहार सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है.

इससे पहले मामले में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था और बिहार सरकार को समान वेतन देने का निर्देश दिया था, लेकिन बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 3 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस के दौरान कहा कि राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती क्योंकि ऐसा करने से अन्य राज्यों से भी यही मांग उठेगी.

केंद्र ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, “केंद्र इस राशि के अलावा वेतन के लिए राशि नहीं दे सकता. राज्य सरकार चाहे तो अपने संसाधन से समान काम के बदले समान वेतन दे सकती है. सभी राज्य अपने संसाधन से ही समान काम समान वेतन दे रहे हैं”.


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