जम्मू-कश्मीर: उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती घर में नजरबंद, श्रीनगर और जम्मू में धारा 144 लागू


grenade attack in srinagar

 

जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण परिस्थितियों और अनिश्चितताओं के बीच राज्य सरकार ने देर रात 12 बजे से (5 अगस्त) अगले आदेश तक श्रीनगर में धारा 144 लागू करने का आदेश दिया. श्रीनगर के बाद जम्मू में भी सुबह 6 बचे से अगले आदेश तक धारा 144 लागू की गई है. ये आदेश महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को देर रात उनके घरों में नजरबंद करने के बाद जारी किया गया.

पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को भी नजरबंध किए जाने की जानकारी है.

देर रात राज्य की राजधानी श्रीनगर में मोबाइल, इंटरनेट और केबल टीवी सेवाएं अस्थायी सेवाएं रूप से रोक दी हैं. साथ ही जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिए कहा है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है क्योंकि आतंकवादी धमकी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ शत्रुता बढ़ने के बीच तड़के कश्मीर में कर्फ्यू लगाया जाएगा.

इस बीच देर रात नेशनल कॉफ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है. इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा.”

इन घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनीं. कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है. अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है. यह रात लंबी होने वाली है.’’

कश्मीर में रविवार को भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. अधिकारियों ने आतंकवादी खतरे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर शत्रुता बढ़ने के बीच अहम प्रतिष्ठानों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है.

वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी कतारों में खड़े नजर आए.


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