सिरिसेना श्रीलंका के राष्ट्रपति पद की दौड़ में नहीं
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रविवार को इंकार किया क्योंकि वह 16 नवंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए जमानत की रकम जमा नहीं करा सके.
पर्चा दाखिल करने के लिए जमानत जमा कराने की अंतिम समय सीमा रविवार को दोपहर 12 तक थी, जिसके आधार पर सोमवार को पर्चा दाखिल किया जाएगा. कुल 41 उम्मीदवारों ने जमानत की रकम जमा करवाई है लेकिन उसमें सिरिसेना का नाम नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए रिकॉर्ड 41 उम्मीदवारों ने जमानत के तौर पर नकद राशि जमा कराई है. ये अलग-अलग राजनीतिक दलों से और निर्दलीय समूहों के उम्मीदवार हैं. यह इस पद के लिए चुनाव में जमानत राशि जमा कराने वाले उम्मीदवारों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है.
इसके अतिरिक्त 1982 के बाद यह पहला मौका है जब निवर्तमान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री अथवा विपक्ष का नेता उम्मीदवार नहीं है.
राष्ट्रपति सिरिसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे विभिन्न कारणों से इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं.
शनिवार की रात राजपक्षे के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करने वाले सिरिसेना ने गोटाभाया राजपक्षे की उम्मीदवारी का समर्थन करने का निर्णय किया है. गोटाभाया अब मुख्य विपक्षी उम्मीदवार हैं. गोटाभाया सत्तारूढ़ यूनाईटेड नेशनल पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदासा के खिलाफ मैदान में हैं.
सिरिसेना की फ्रीडम पार्टी ने राजपक्षे की पीपुल्स पार्टी से अपना चुनाव चिन्ह ‘फूल की कली’ छोड़कर साझा चुनाव चिह्न पर लड़ने की मांग की थी. हालांकि, पीपुल्स पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस आग्रह की अनदेखी की गई है क्योंकि पार्टी अपनी जमानत अपने चुनाव चिह्न पर जमा करा चुकी है.
विक्रमसिंघे पर प्रेमदासा के समर्थकों ने उन्हें उम्मीदवार के रूप में नामित करने के लिए दबाव बनाया, जब पार्टी नेता के रूप में प्रधानमंत्री नामित होना चाहते थे.
उम्मीदवार सोमवार को दोपहर 12 बजे तक पर्चा दाखिल कर सकते हैं. वह 12 नवंबर तक चुनाव प्रचार कर सकते हैं और 16 नवंबर को मतदान कराया जाएगा.