पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी, आज दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल
पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने कल दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगा. वहीं खबर है कि आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के डॉक्टर भी पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों को समर्थन देते हुए काम का बहिष्कार कर सकते हैं.
कल मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए विपक्षी बीजेपी और सीपीएम पर उन्हें भड़काने तथा मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया.
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से कई सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में तीसरे दिन भी आपातकालीन वार्ड, ओपीडी सेवाएं, पैथोलॉजिकल इकाइयां बंद रहीं. वहीं निजी अस्पतालों में भी चिकित्सकीय सेवाएं बंद रहीं.
डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के मद्देनजर प्रदर्शन कर रहे हैं.
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने घटना के खिलाफ और हड़ताली डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 14 जून को ‘अखिल भारतीय विरोध दिवस’ घोषित किया है.
इस बीच एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रधानाचार्य साइबल मुखर्जी तथा चिकित्सा अधीक्षक एवं उप प्रधानाचार्य प्रो सौरभ चटोपाध्याय ने संस्थान के संकट से निपटने में विफल रहने की वजह से इस्तीफा दे दिया है.
जब मुख्यमंत्री दोपहर में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने ‘हमें इंसाफ चाहिए’ के नारे लगाए.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आंदोलन की निंदा करती हूं. कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन सीपीएम और बीजेपी का षड्यंत्र है.’’
ममता के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार है.
बनर्जी की समय सीमा के बावजूद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी. डॉक्टरों की एक टीम ने इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की. राज्यपाल ने भी उनसे हड़ताल खत्म करने की अपील की.
त्रिपाठी से भेंट के बाद राजभवन के बाहर एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘‘मांग पूरी होने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. हमारी मांगे साधारण हैं… उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हों तथा एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए.’’
राष्ट्रीय राजधानी में कई निजी एवं सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने आज काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है जिससे सेवाओं के प्रभावित होने का अंदेशा है. राष्ट्रीय राजधानी स्थित एम्स के रेजीडेंट डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए अपने सिर पर पट्टियां बांधकर काम किया.