यौन उत्पीड़न मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ को लेकर मीडिया के दावों को नकारा


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सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और आर नरीमन के बारे में मीडिया में चल रही खबरों का खंडन किया है. कोर्ट ने ये बात इंडियन एक्सप्रेस की उस रिपोर्ट के बारे में कही है, जिसमें कहा गया था कि जस्टिस चंद्रचूड़ और नरीमन ने आंतरिक जांच कर रहे पैनल से मुलाकात की थी.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई इस समय अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के लिए आंतरिक जांच का सामना कर रहे हैं. इसके लिए एक जांच समिति बनाई गई है, जिसमें जस्टिस एसए बोबड़े, इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं.

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जस्टिस चंद्रचूड़ और नरीमन ने सीजेआई रंजन गोगोई मामले की जांच शिकायतकर्ता महिला की गैरमौजूदगी में ना करने की सलाह दी है. रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों ने कहा है कि इससे सुप्रीम कोर्ट की साख को धक्का लगेगा.

लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस तरह की किसी मुलाकात या आग्रह की बात को सिरे से नकार दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ये बहुत अफसोस जनक है कि एक प्रमुख अखबार ने पूरी तरह से गलत खबर छापी, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन के बारे में लिखा गया कि इन्होंने तीन मई 2019 की शाम को जस्टिस एसए बोबड़े से मुलाकात की. इस मुद्दे पर काम करने के लिए गठित आंतरिक जांच कमिटी किसी तरह के बाहरी प्रभाव से मुक्त होकर काम कर रही है.

इस बारे में शिकायकर्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी. महिला ने कहा था कि समिति ने कार्यवाही के दौरान उसकी वकील वृंदा ग्रोवर की मौजूदगी के अनुरोध को खारिज कर दिया था. और उसे कहा गया कि अगर वह भाग नहीं लेगी तो वह एकपक्षीय कार्यवाही करेगी.

इसके बाद जांच समिति की कार्यवाही जारी है. इस मामले में आरोपी, जस्टिस रंजन गोगोई भी जांच समिति के सामने पेश हो चुके हैं.


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