सुप्रीम कोर्ट में लालू यादव की जमानत याचिका खारिज
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सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है. लालू इस समय चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और बिहार की बिरसा मुंडा जेल में अपनी सजा काट रहे हैं.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि वह मामलों में यादव को जमानत देने की इच्छुक नहीं है.
पीठ ने लालू के 24 महीनों से जेल में होने की दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें दी गई 14 साल के जेल की सजा की तुलना में 24 महीना कुछ भी नहीं है.
लालू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसे साजिश करार दिया. उन्होने कहा कि इस मामले में कोई बड़ा सबूत नहीं किसी तरह की बरामदगी नहीं हुई है.
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इस समय हम केवल जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं.’’
इससे पहले सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में लालू यादव की जमानत याचिका का विरोध किया था. जांच ब्यूरो का कहना था कि वह चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होकर जमानत का ‘‘गलत’’ इस्तेमाल कर सकते हैं.
सीबीआई ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से यादव की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति मांगी थी. जांच ब्यूरो ने कहा कि राजद प्रमुख लोकसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं और अपनी जमानत का दुरूपयोग कर सकते हैं.
जांच एजेंसी ने कहा कि वैसे भी लालू प्रसाद यादव आठ महीने से ज्यादा वक्त से अस्पताल के वार्ड में हैं और राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त हो रहे हैं.
सीबीआई ने अपने जवाब में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (यादव) जिस अवधि में अस्पताल में रहे हैं, उन्हें ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त विशेष वार्ड की अनुमति दी गई बल्कि वह वहां से अपनी राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं. यह उनके मुलाकातियों की सूची से स्पष्ट है.’’
एजेंसी ने कहा कि यादव दावा करते हैं कि वह इतने बीमार हैं कि जेल में नहीं रह सकते, लेकिन अचानक वह जमानत पाने के लिए स्वस्थ हो गए हैं.
रांची में बिरसा मुण्डा केन्द्रीय जेल में बंद राजद सुप्रीमो ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के झारखण्ड हाई कोर्ट के 10 जनवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.