नरोदा पाटिया दंगा: चार आरोपियों को मिली जमानत


review petition filed in ayodhya verdict

 

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने नरोदा-पाटिया दंगा मामले में चार दोषियों की सजा पर संदेह जताते हुए उन्हें जमानत दे दी है.

उमेशभाई भारवाड़, राजकुमार, हर्षद और प्रकाशभाई राठौड़ 2002 को नरोदा पाटिया दंगा मामले में आगजनी और हिंसा फैलाने के लिए धारा 436 के तहत गुजरात हाईकोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन कोर्ट ने ‘संदेह’ और ‘बहस की गुंजाइश’ के आधार पर इन लोगों को जमानत दे दी कि

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जा चुके बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी की याचिका भी स्वीकार कर ली है.

पिछले साल गुजरात हाई कोर्ट ने इस मामले में कुल 32 आरोपियों में से बहुचर्चित आरोपी और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 17 लोगों को बरी कर दिया था. साथ ही 12 लोगों की सजा बरकरार रखी थी जिनमें बंजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी थे.

इस मामले की सुनवाई अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए बनी विशेष अदालत ने की थी. अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

साल 2002 में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में हुए गोधरा दंगों के दौरान नरोदा पाटिया इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के 97 लोगों को मार दिया गया था.


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