इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक से SC का इनकार, केंद्र और चुनाव आयोग से मांगा जवाब


supreme court seeks centre and election commission response on electoral bond

 

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान रोक लगाने से इनकार किया और दो हफ्तों के भीतर केंद्र और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है.

चीफ जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस बीआर गवई, सूर्यकांत की बेंच ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की अंतरिम एप्लीकेशन पर केंद्र और चुनाव आयोग से दो हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है.

एनजीओ की ओर से वकील प्रशांत भूषण पेश हुए. उन्होंने कहा कि काले धन को सत्ताधारी पार्टी को देने के लिए ये स्कीम लाई गई है. स्कीम पर रोक लगाने की मांग के समर्थन में उन्होंने आरबीआई का एक दस्तावेज भी पेश किया.

चुनाव आयेग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी पेश हुए.

याचिका के मुताबिक 2018 में आई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम ने राजनीतिक पार्टियों के लिए बेहिसाब कॉरपरेट फंड से दरवाजे खोल दिया है. उन्होंने कहा कि स्कीम के तहत भारतीय और विदेशी कंपनियां फंड दे सकती हैं, जिसका एक लोकतंत्र पर गलत असर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि फाइनेंस एक्ट 2017 और फाइनेंस एक्स 2016 में विधेयक पारित कर किए गए बदलावों ने भी विदेशी कंपनियों से बेहिसाब राजनीतिक चंदे को वैध बना दिया.

उन्होंने कहा, ‘इससे बड़े स्तर पर चुनावी भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है. साथ ही पूरी चुनावी प्रक्रिया अपारदर्शी बना दी गई है.’


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